सिंगापुर के आर्बिट्रेशन पैनल ने बुधवार को एमेजॉन डॉट कॉम के साथ जारी वाणिज्यिक विवाद में फ्यूचर रिटेल को अलग करने के उसके अनुरोध को ठुकरा दिया। रॉयटर्स ने आर्बिट्रेशन के आदेश के हवाले से यह जानकारी दी है। अमेरिकी दिग्गज की तरफ से फ्यूचर की परिसंपत्ति बिक्री पर विराम लगाने की उसकी कोशिश जारी है। पैनल ने कहा कि फ्यूचर रिटेल एमेजॉन के साथ जारी मध्यस्थता कार्यवाही का बकायदा एक पक्ष है। एमेजॉन कई महीनों से फ्यूचर के साथ विवाद में फंसी हुई है और भारतीय फर्म पर अनुबंध के नियमों का उल्लंघन का आरोप लगा रही है। एमेजॉन का कहना है कि अपनी खुदरा परिसंपत्ति बाजार की अग्रणी रिलायंस इंडस्ट्रीज को 3.4 अरब डॉलर में बेचने का सौदा उसके अनुबंध के नियमों का उल्लंघन है। फ्यूचर ने कहा कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है। पिछले साल सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत द्वारा इस सौदे पर रोक लगाए जाने के बाद फ्यूचर रिटेल ने दलील दी थी कि उसे इस कार्यवाही से बाहर रखा जाना चाहिए क्योंकि एमेजॉन ने जिस अनुबंध के तहत यह मामला शुरू किया था उस पर फ्यूचर समूह की अन्य कंपनी ने हस्ताक्षर किए थे। पैनल ने बुधवार को अपने एक आदेश में फ्यूचर समूह की इस दलील से असहमति जताई है। हालांकि उस आदेश को फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है। पैनल ने कहा कि फ्यूचर ग्रुप और एमेजॉन के बीच विवाद के केंद्र में तीन समझौते हैं जिन्हें एक साथ पढ़ा जाना चाहिए न कि अलग-अलग। 69 पेज के इस आदेश में कहा गया है कि ट्रिब्यूनल के पास इस मध्यस्थता में एफआरएल का न्यायिक अधिकार है। पिछले साल अगस्त में रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने कहा था कि वह 24,713 करोड़ रुपये के एक सौदे के तहत फ्यूचर ग्रुप के खुदरा एवं थोक कारोबार और लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग कारोबार का अधिग्रहण करेगी। एमेजॉन ने फ्यूचर कूपंस का एक निवेशक होने के नाते उसका विरोध किया था। फ्यूचर कूपंस का फ्यूचर रिटेल लिमिटेड में हिस्सेदारी है। अगस्त 2019 में एमेजॉन ने फ्यूचर की गैर-सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर कूपंस लिमिटेड में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए सहमति जताई थी। एमेजॉन यह सौदा तीन से 10 वर्षों की अवधि के बाद प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल में खरीदारी के अधिकार के साथ करना चाहती थी। फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर कूपंस की 7.3 फीसदी हिस्सेदारी है। आरआरवीएल के साथ फ्यूचर के सौदे के बाद एमेजॉन ने फ्यूचर के खिलाफ सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत सिंगापुर इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) में मुकदमा दायर कर दिया। अक्टूबर में आपातकालीन मध्यस्थ (ईए) ने अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी के पक्ष में एक अंतरिम आदेश पारित कर दिया जो रिलायंस रिटेल को किसी प्रतिबंधित पक्ष से रकम हासिल करने अथवा परिसंपत्ति एवं प्रतिभूतियां हस्तांतरित करने से रोकता है। एमेजॉन और फ्यूचर ग्रुप के बीच इस मुद्दे पर मुकदमेबाजी सर्वोच्च न्यायालय सहित भारतीय अदालतों में भी चल रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने हाल में एमेजॉन के पक्ष में फैसला सुनाया था कि ईए का फैसला भारतीय कानून के तहत वैध और लागू करने योग्य था।
