उफान पर बाजार तो अच्छे शेयरों को बनाएं यार | सर्वजीत सेन / October 15, 2021 | | | | |
चढ़ता शेयर बाजार किसे पसंद नहीं। निवेशकों को तो वही सबसे ज्यादा भाता है। भारतीय शेयर बाजार इस समय इतनी तेजी से और इतनी ऊंचाई पर दौड़ रहे हैं, जितनी तेजी और ऊंचाई पहले कभी नहीं देखी गई। उनकी वजह से सूचकांक लगातार नए रिकॉर्ड बना रहे हैं, जिसे देखकर कई नए निवेशक पैसा कमाने की फिराक में बाजार में कूद पड़े हैं।
स्टॉकएज और ईलर्नमार्केट्स के सह-संस्थापक विवेक बजाज कहते हैं, 'महामारी के दौरान कई नए भारतीय खुदरा निवेशक ट्रेडर और निवेशक बनकर शेयर बाजारों में कूद पड़े। इनमें से ज्यादातर युवा हैं और आय के नए जरिये की तलाश में शेयर बाजार को आजमाने की उनकी कोशिश की वजह से देश के निवेश की तस्वीर बहुत जगमगाने लगी।'
मगर शेयरों में निवेश बच्चों का खेल नहीं है और दांव गलत पड़ जाए तो ऐसा घाटा होने का खतरा रहता है, जितना आप सोच भी नहीं सकते। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में इक्विटी डेरिवेटिव्स ऐंड टेक्निकल, ब्रोकिंग ऐंड डिस्ट्रिब्यूशन के उपाध्यक्ष चंदन तापडिय़ा कहते हैं, 'बाजार में उतार-चढ़ाव तो होना ही है, इसलिए निवेशकों और ट्रेडरों को अधिक उतार-चढ़ाव के दौरान होने वाले खतरे के प्रति सतर्कता बरतनी चाहिए। ट्रेडरों को सावधान रहना होगा और नौसिखिये ट्रेडरों को तो ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।' अगर आप बाजार में नए हैं और सीधे शेयरों में पैसा लगाने जा रहे हैं तो ट्रेडिंग करते समय आपको कुछ सावधानी तो बरतनी ही होगी। उनमें से कुछ नीचे बताई जा रही हैं।
शेयरों पर दांव
आजकल बाजार सरपट भाग रहा है और ऐसे माहौल में संदिग्ध प्रवर्तकों तथा खराब कॉरपोरेट प्रशासन वाली कई घटिया कंपनियां भी बहती गंगा में हाथ धोने चली आती हैं। कई नए निवेशक बाजार से जल्द मुनाफा कमाने के चक्कर में ऐसी कंपनियों के झांसे में आ जाते हैं और उनमें रकम लगा देते हैं। इसमें बहुत जोखिम है। इसलिए अच्छी कंपनियों पर ही दांव खेलेंगे तो बेहतर होगा। बजाज की सलाह है, 'चढ़ते बाजार में बुनियादी नियम यही है कि धीरे-धीरे बेहतर गुणवत्ता वाले शेयरों की तरफ बढ़ते रहना चाहिए। जब बाजार चढ़ रहा होता है तो अक्सर छोटे निवेशक कंपनी की वित्तीय स्थिति को अनदेखा कर देते हैं।'
चवन्नी शेयरों से दूर रहें
खराब शेयरों से तो दूरी बनानी ही है, चवन्नी शेयरों की ओर भी रुख नहीं करना है। अक्सर आपके दोस्त, रिश्तेदार या निवेश करने वाले समूह टिप के नाम पर ऐसे शेयरों में पैसा लगाने की सलाह देते होंगे मगर आपको उससे तौबा करना चाहिए। बजाज बताते हैं, 'कुछ चवन्नी शेयर बहुत आकर्षक बताए जाते हैं क्योंकि उनमें मूल्य-आय (पी/ई) अनुपात कम होता है। मगर इसमें झांसा हो सकता है। आम तौर पर पी/ई अनुपात कम होने का मतलब है कि उस शेयर में निवेशकों को भरोसा नहीं है। इसलिए कम पी/ई अनुपात के जाल में बिल्कुल न फंसें।'
स्टॉप लॉस का रखें ध्यान
अनुभवी ट्रेडर नियम पर आधारित स्टॉप-लॉस का पूरा ध्यान रखते हैं। कारेाबार शुरू करने के बाद आपको स्टॉप-लॉस ऑर्डर भी देना ही चाहिए। कभीकभार शेयर इतनी तेजी से लुढ़कता है कि निवेशकों विशेषकर अनुभवहीन निवेशक को कुछ करने का वक्त ही नहीं मिलता। स्टॉप-लॉस ऐसी सूरत में आपको बड़े घाटे से बचा सकता है।
जब कोई दांव आपके पैसे डुबा रहा हो तब भावनाओं को हावी होने देना और स्टॉप लॉस को अनदेखा करना बड़ी मुसीबत को दावत देने के बराबर होता है। आशिका वेल्थ के सह-संस्थापक और ग्लोबल ऐसेट क्लास के मुख्य रणनीतिकार अमित जैन कहते हैं, 'जब बाजार अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर बैठे हों तो सख्त स्टॉप-लॉस के साथ कारोबार करना और भी जरूरी हो जाता है। अगर बाजार का रुख पलट गया तो शेयरों के भाव एक झटके में औंधे हो सकते हैं और स्टॉप-लॉस का इंतजाम नहीं किया गया तो आपके पोर्टफोलियो को बड़ी चपत लग सकती है।'
बीच-बीच में मुनाफा वसूलें
चढ़ते बाजार में ज्यादातर शेयर पोर्टफोलियो अच्छी बढ़त हासिल कर लेते हैं। इसलिए बीच-बीच में मुनाफावसूली जरूरी है क्योंकि बाजार कभी एक दिशा में नहीं दौड़ते और वक्त-वक्त पर उनमें गिरावट आती रहती है। जैन समझाते हैं, 'जब भी कोई निवेशक के पास रखे शेयर का भाव उसके लक्ष्य तक पहुंच जाता है तो उसे शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेना चाहिए। 'अच्छा' शेयर या 'खराब' शेयर जैसा कुछ नहीं होता। शेयर अच्छा या बुरा इस बात से बनता है कि आपने उसे किस वक्त खरीदा और किस वक्त बेचा है। टाटा स्टील के शेयर को ही लीजिए। मार्च, 2020 में उसका भाव 300 रुपये था, जिस पर उसे खरीद ही लेना चाहिए था। मगर आज इसका भाव 1,300 रुपये पर है और कंपनी की हैसियत के लिहाज से यह ठीक भाव है। अगर आज कोई यह शेयर खरीदता है तो उसके लिए जोखिम ज्यादा हो सकता है।'
तापडिय़ा सेक्टर बदलते रहने की सलाह देते हैं। वह कहते हैं, 'मुनाफावसूली तो इस खेल का हिस्सा है। जब भी कोई शेयर धीमा पड़ जाता है या ऊंचे भाव पर ठहर जाता है तो उसे बेचकर किसी दूसरे सेक्टर का शेयर पकडऩा सही होता है। यहां 'चर्न बनाम होल्ड' का सिद्घांत काम करता है, जिसमें अपने पोर्टफोलियो से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने और तेजडिय़ा बाजार का फायदा उठाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि मुनाफावसूली करो और सेक्टर बदलते रहो।'
जरूरत से ज्यादा ट्रेड नहीं
जब बाजार हिचकोले खाने लगते हैं और कई दांव गलत पड़ जाते हैं। मगर उसी वक्त बाजार में लोग कई तरह के कायदे और सिद्घांत भी समझाने लगते हैं। जरूरत से ज्यादा दलीलें दी जाने लगती हैं। ऐसे में अगर आपके पास कारोबार का शेयरों पर दांव लगाने की दुरुस्त व्यवस्था नहीं है तो आप जरूरत या हैसियत से ज्यादा ट्रेडिंग के शिकार हो सकते हैं। आपको पता होना चाहिए कि आप कितने शेयर सौदे संभाल सकते हैं। अगर आप जरूरत से ज्यादा ट्रेड करते हैं तो आपका खर्च भी ज्यादा होगा।
कर्ज लेकर निवेश नहीं
अगर आपके पास पैसा नहीं है तो कर्ज लेकर निवेश कभी मत करें। अगर आपकी रकम बाजार में डूब गई तो आप पर दोहरी मार पड़ेगी क्योंकि आपको कर्ज भी चुकाना है। जैन कहते हैं, 'निवेशकों को सोच समझकर दांव खेलने चाहिए और कर्ज लेकर निवेश कभी नहीं करना चाहिए। जो निवेशक बहुत जोखिम नहीं उठाना चाहते वे सोने में अपना निवेश बढ़ा सकते हैं ताकि वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव आने पर उनका पैसा महफूज रहे।'
पहले पूरी तैयारी करें
पूंजी बाजार बहुत पेचीदा होते हैं और किसी खास शेयर में निवेश करने से पहले उसकी अच्छी-खासी पड़ताल बहुत जरूरी होती है। कोशिश कीजिए कि आप आर्थिक तथा नीतिगत माहौल से अच्छी तरह वाकिफ रहें और उसके बाद सही सेक्टर तथा सही शेयरों का चयन करें। ऐसा करेंगे तो बतौर निवेशक कामयाब होने से आपको कोई नहीं रोक सकता।
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