सीमेंट: मांग बेहतर रहने के आसार | अदिति दिवेकर / मुंबई October 13, 2021 | | | | |
इक्रा को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 22 में देश भर मे सीमेंट का उत्पादन 33.2 करोड़ टन रहेगा, जो पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी ज्यादा है क्योंंकि उसे बढ़ती मांग, ग्रामीण क्षेत्र में हाउसिंग की जरूरत और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बढ़ती गतिविधियों से सहारा मिलेगा।
इक्रा की सहायक उपाध्यक्ष और कॉरपोरेट रेटिंग्स की प्रमुख अनुपमा रेड्डी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, खरीफ की अच्छी फसल और सरकारी खरीद से किसानों की आय में सुधार होगा, लिहाजा ग्रामीण इलाके में हाउसिंग की मांग में बढ़ोतरी होगी।
वित्त वर्ष 23 में सीमेंट का उत्पादन 8 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ करीब 35.8 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है। रेड्डी ने कहा, नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के समर्थन से बुनियादी ढांचे की गतिविधियों में खासी तेजी से नई परियोजनों प्रदान करने में तेजी देखने को मिलेगी और उसका क्रियान्वयन भी मध्यम अवधि में होगा, लिहाजा इससे सीमेंट की मांग में मजबूती की उम्मीद है।
अप्रैल-अगस्त वित्त वर्ष 22 में देसी सीमेंट का उत्पादन 14.2 करोड़ टन रहा, जो सालाना आधार पर 44 फीसदी ज्यादा है और कोविड पूर्व के स्तर से 2 फीसदी ज्यादा। इक्रा ने ये बातें कही है। सीमेंट कंपनियों के लाभ की बात करें तो वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में इनपुट लागत उच्चस्तर पर बनी रही और इक्रा की सूची में शामिल 12 सीमेंट कंपनियों ने तिमाही में अब तक का सबसे ज्यादा ऑपरेटिंग एबिटा 1,372 रुपये प्रति टन दर्ज किया, जिसमें शुद्ध बिक्री से मिली रकम में बढ़ोतरी और लागत के लिहाज से उठाए गए कदमों का योगदान रहा। इस नमूने में शामिल कंपनियों का परिचालन मार्जिन पहली तिमाही में सालाना आधार पर 30 आधार अंक ज्यादा रहा और तिमाही दर तिमाही उसमें 25.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
कुल मिलाकर अप्रैल-सितंबर वित्त वर्ष 22 मे सीमेंट की कीमतें सालाना आधार पर 4 फीसदी ज्यादा रही। इसकी वजह इनपुट लागत मसलन बिजली, ईंधन और मालभाड़े में आई तेजी है। कोयले की कीमतें 103 फीसदी बढ़ी है, पेट कोक 87 फीसदी महंगा हुआ है और डीजल की कीमतें भी अप्रैल-सितंबर में सालाना आधार पर 20 फीसदी बढ़ी है।
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