नागर विमानन मंत्रालय ने पिछले साल मई में विमानन कंपनियों का दोबारा परिचालन शुरू होने के बाद पहली बार घरेलू उड़ानों के आवागमन पर प्रतिबंध हटा दिए हैं। इसका मतलब है कि विमानन कंपनियां 18 अक्टूबर से 100 फीसदी क्षमता पर चल सकेंगी। हालांंकि सरकार ने अभी किराये की अधिकतम सीमा खत्म नहीं की है। मंत्रालय ने आज अपने आदेश में कहा कि क्षमता पर बंदिश हटाने का फैसला तय घरेलू परिचालनों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया है। सरकार ने पिछले महीने विमानन कंपनियों को अपनी क्षमता 72.5 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी करने की मंजूरी दी थी। यह फैसला त्योहारी सीजन के समय लिया गया है, जिसमें सीट भरने की गति बढ़ी है और उड़ानों में बढ़ोतरी हुई है। शनिवार को तीन लाख यात्रियों ने हवाई सफर किया, जो फरवरी के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। इस महीने के पहले सात दिनों में 17 लाख यात्रियों ने हवाई सफर किया है। यह सितंबर की इसी अवधि की तुलना में 10 फीसदी अधिक है। वहीं उड़ानों की संख्या में भी करीब 8 फीसदी इजाफा हुआ है। इस समय विमानन कंपनियां 70 से 75 फीसदी क्षमता पर चल रही हैं, जबकि दैनिक यात्रियों की संख्या महामारी से पहले के स्तर की 60 से 70 फीसदी है। इंडिगो के एक प्रवक्ता ने कहा, 'यह स्वागत योग्य कदम है। हमें लगता है कि हाल की दबी हुई मांग और आगे त्योहारी सीजन होने से महामारी से पहले के स्तरों पर उड़ानों का परिचालन करना बहुत अच्छा होगा। हमारा घरेलू यात्रा की वृद्धि और मांग को लेकर बहुत सकारात्मक रुख है।' यह विमानन कंपनी रोजाना करीब 1,200 उड़ानों का परिचालन कर रही है, जो उसकी कोविड-19 से पहले की क्षमता की करीब 80 फीसदी हैं। उसकी उड़ानों में औसत यात्री भार करीब 75 से 80 फीसदी है। विमानन कंपनियों में इंडिगो क्षमता पर लगी बंदिशें हटाने की बात जोर-शोर से कहती आई है। निजी हवाई अड्डों ने भी यह मांग की थी। इक्सिगो के सह-संस्थापक और सीईओ आलोक वाजपेयी ने कहा, 'यात्रा को लेकर आत्मविश्वास बढ़ रहा है, जिससे अग्रिम टिकट खरीद का रुझान पैदा हुआ है। 30 दिन बाद होने वाली यात्रा की बुकिंग की हिस्सेदारी सितंबर में बढ़ी है। इससे पता चलता है कि लोग पहले से यात्रा की योजना बनाकर अग्रिम टिकट खरीद रहे हैं जबकि महामारी के दौरान अंतिम समय पर टिकट खरीदने का चलन बढ़ गया था। आकर्षक किराये से भी यात्रियों को अग्रिम बुकिंग करने के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है। उदाहरण के लिए अगर एक महीने पहले बुकिंग की गई थी तो अक्टूबर पहले सप्ताह में दिल्ली-गोवा का औसत एकतरफा किराया 4,400 रुपये रहा। लेकिन आखिरी समय (यात्रा से 0 से 7 दिन पहले) में बुकिंग पर इसी मार्ग पर किराया 7,600 रुपये है।' पिछले महीने सरकार ने क्षमता बढ़ाकर 85 फीसदी करने के अलावा किराये पर बंदिश के फॉर्मूले में भी फेरबदल किया था और विमानन कंपनियों को बुकिंग की तारीख के 15 दिन बाद की यात्रा का किराया तय करने की छूट दी थी। उस समय तक बुकिंग की तारीख से 30 दिन तक की यात्रा टिकटों पर कीमत सीमा लागू थी। एविएशन ब्लॉग नेटवर्क थॉट्स के संस्थापक अमेय जोशी को लगता है कि सरकार अल्प अवधि की उड़ानों के लिए भी कीमत सीमा हटाना शुरू कर सकती है। उन्होंने कहा, 'अगर कीमतों के मोर्चे पर प्रतिस्पर्धा छिड़ती है तो विमानन कंपनियों को कम नुकसान होगा।'
