सोने में निवेश करने वाले एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) ने कीमतों में नरमी के बीच पिछले पांच महीनों में सर्वाधिक पूंजी प्रवाह दर्ज किया है। उद्योग के कारोबारियों का कहना है कि भारतीय इक्विटी में ऊंचे मूल्यांकन और उतार-चढ़ाव बढऩे से कुछ निवेशक स्वर्ण फंडों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के आंकड़े से पता चलता है कि सितंबर में गोल्ड ईटीएफ में 446 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया। मौजूदा वित्त वर्ष में, निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में 1,735 करोड़ रुपये लगाए, जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा 680 करोड़ रुपये पर था। एलएक्सएमई की संस्थापक प्रीति राठी गुप्ता ने कहा, 'उतार-चढ़ाव भरे बाजार में, सुरक्षित निवेश विकल्प पर ध्यान देना भी इसकी एक वजह हो सकती है कि गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का ध्यान बढ़ रहा है।' निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में लगातार निवेश किया है, भले ही सोने का प्रतिफल नकारात्मक रहा हो। आईबीजेए और बीएस रिसर्च ब्यूरो के आंकड़े से पता चलता है कि पिछले एक साल में सोने ने महज 6.7 प्रतिशत का प्रतिफल दिया। सितंबर में सोने की कीमतों में करीब 3 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतें चढ़ी हैं और इस महीने अब तक इनमें 2.5 प्रतिशत तक की तेजी आ चुकी है। बाजार कारोबारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन शुरू होने से, एमएफ उद्योग अगले कुछ महीनों तक गोल्ड ईटीएफ में लगातार पूंजी प्रवाह आकर्षित करेगा।
