महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली सहायक कंपनी महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर चेन्नई और जयपुर में दो विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) और आवासीय परियोजनाओं के साथ अगले तीन वर्षों में जबरदस्त विकास दिखा रही है। दूसरी रियल्टी कंपनियों के उलट कंपनी के हाथ में बढ़िया रकम और कम कर्ज से उसकी सेज परियोजनाओं के विस्तार में और आवासीय परियोजनाओं के पूरा होने मदद होगी। महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स के उपाध्यक्ष अरुण नंदा का कहना है, अल्पावधि में कंपनी के लिए आय का बड़ा हिस्सा सेज कारोबार से मिलेगा। सेज सफलता का लाभ श्री लंका सेज, जो फिलहाल कंपनी के लिए बोझ बनी हुई है, के अलावा कंपनी की पुणे, ठाणे, जयपुर और चेन्नई की विभिन्न सेज परियोजनाएं विकास के अलग-अलग चरणों में हैं। पुणे सेज के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आम चुनावों के बाद शुरू होगी। चेन्नई सेज : कंपनी ने अब तक चेन्नई सेज के विकास में 500 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। जहां इसका व्यावसायिकऔद्योगिक चरण पूरा हो गया है, कंपनी अपनी आवासीय परियोजनाएं जून में लॉन्च कर सकती है। वित्त वर्ष 2009 में कंपनी ने इस सेज से 100 करोड़ रुपये का कुल कारोबार किया है। जयपुर सेज : परिचालन कार्य के शुरू होने के एक वर्ष में कंपनी ने 80 करोड़ रुपये के राजस्व पर 5.13 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। कंपनी को जगह के चयन, प्रतिस्पर्धा में कमी और बढ़िया श्रम की उपलब्धता को लेकर विश्वास है कि कंपनी अपनी यह परियोजना कंपनी को बेच सकेगी। सेज कारोबार के अलावा कंपनी परियोजना को एक वित्तीय सेवाओं के केंद्र के रूप में कंपिनयों के सामने पेश कर रही है, क्योंकि एसबीआई और आईसीआईसीआई भी यहां अपने केंद्र खोलने की योजना बना रहे है। इस परियोजना पर 450 करोड़ रुपये निवेश हो चुके हैं। आवासीय क्षेत्र पहले कंपनी की योजना वित्त वर्ष 2009-10 और 2010-11 में 62.1 लाख वर्गफुट कुल जगह वाली परियोजनाओं को पेश करने की थी, वहीं अब कंपनी कुल 22 लाख वर्गपुऊट जगह पर परियोजनाओं का निर्माण कर रही है। हाल ही में कंपनी ने मुंबई में महंगी हाउसिंग परियोजना एमिनेंट के दूसरे चरण को पेश किया है, लेकिन 10 प्रतिशत तक कीमतों में छूट के साथ। नंदा का विश्वास है कि अक्टूबर के बाद इस क्षेत्र में स्थितियों में सुधार देखने को मिलेगा। फंड की जरूरत उम्मीद है कि कंपनी चेन्नई के नए 1,000 एकड़ वाले औद्योगिकी पार्क के लिए जरूरी फंड मुहैया करा पाएगी और पुणे के 3,000 एकड़ बहु-उत्पाद सेज के लिए वह अपने बहीखातों में दर्ज नकद (31 मार्च, 2009 में 163 करोड़ रुपये) आंतरिक स्रोतों से रकम जुटा लेगी। मौजूदा वित्त वर्ष में चेन्नई में 150 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है, जबकि 1,000 एकड़ परियोजना को शुरू करने और उसके विकास में लगभग 500 करोड़ रुपये की निवेश की जरूरत है। निवेश करें या नहीं कम कर्ज और हाथ में अधिक नकदी से कंपनी को मंदी का सामना करने में मदद मिलेगी। लेकिन कंपनी के लिए अहम जोखिम विनिर्माण या आईटी क्षेत्र में और अधिक मंदी आना है। इन्हीं क्षेत्रों से कंपनी के सेज कारोबार को मोटा राजस्व हासिल होता है। 169 रुपये के साथ शेयर वित्त वर्ष 2010 की 18 रुपये आय से 9.39 गुना पर कारोबार कर रहा है।
