पर्यावरण के लिए नए प्रयोग ► डोल्से वी लव ने सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल रिसर्च ऐंड एजुकेशन (सीईआरई) के सहयोग से पर्यावरण के अनुकूल एक विशेष तरह का फुटप्रिंट कैलकुलेटर बनाया है जो यह बताता है कि कोई व्यक्ति इस तरह के प्री-लव्ड सामानों की खरीदारी कर कितने संसाधनों की बचत करता है। ► इस कैलकुलेटर के अनुसार पहले इस्तेमाल की गई पॉलिएस्टर ड्रेस खरीदने से 8,181 लीटर पानी, 2 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड या ऐसी ही ग्रीनहाउस गैसों को बचाने में मदद मिल सकती है। ► इस्तेमाल की जा चुकी डेनिम जैकेट खरीदने से 4,232 लीटर पानी, 10 किलो कार्बन डाइऑक्साइड या समकक्ष ग्रीनहाउस गैसों को बचाने में मदद मिलती है। मानसी की नजरें कई वर्षों से लुई वितां ब्रांड पर थीं लेकिन जेब हल्की होने की वजह से वह खुद को पीछे रोक लेती थीं। अब, अमेरिका के दिग्गज ई-शॉपिंग ब्रांड पॉशमार्क के भारत में प्रवेश के साथ ही उनकी उम्मीदें बढ़ गई हैं कि वे इस ब्रांड की कुछ चीजें ले पाएंगी। इसके दो हफ्ते पहले ही लॉन्च होने के बाद से ही वह इसकी वेबसाइट को नियमित रूप से देखती रहती हैं ताकि उन्हें उनकी मनपसंद चीज मिल जाए। पॉशमार्क एक ऑनलाइन सोशल कॉमर्स मार्केटप्लेस है जहां विभिन्न ब्रांडों की इस्तेमाल की जा चुकी और नई, दोनों तरह के कपड़े और एसेसरीज खरीदी और बेची जा सकती है और भारत के तेजी से बढ़ते फैशन उद्योग में यह नई चीज जुड़ी है।सिकोया और बेन ऐंड कंपनी की एक रिपोर्ट 'अनलॉकिंग द फ्यूचर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया' के अनुसार, 'सोशल कॉमर्स इस वक्त 1.5 अरब डॉलर से 2 अरब डॉलर के जीएमवी (सकल मर्केंडाइज मूल्य) वाला बाजार है जो महज पांच सालों में 16 अरब डॉलर से 20 अरब डॉलर तक हो जाएगी और 2030 तक इसके 60 अरब डॉलर से 70 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। संक्षेप में कहें तो भारत का सामाजिक वाणिज्य क्षेत्र दस वर्षों के भीतर मौजूदा ई-कॉमर्स बाजार के आकार का दोगुना हो जाएगा।' सोशल कॉमर्स का मतलब सीधे सोशल मीडिया पर उत्पादों की बिक्री करना है। इसमें एक सेगमेंट ऐसा है जहां कोई पहले से पसंद किए गए (प्री-लव्ड) इस्तेमाल किए जा चुके कपड़े खरीद और बेच सकता है। इस तरह के मंच पर ऐसे किफायती ऑफर वाले (थ्रिफ्ट) पेज नजर आते हैं। महामारी के दौरान इंस्टाग्राम जैसी साइटों पर ऐसे पन्नों की संख्या कई गुना बढ़ गई है क्योंकि लोगों की आमदनी तो कम हुई है लेकिन खरीदारी करने की इच्छा कम नहीं हुई है। ऐसे पेज नियमित रूप से उन जगहों पर 'कीमतों में कमी' की घोषणा करते हैं जहां कपड़े बिक्री के लिए रखे जाते हैं। अब इसमें दिलचस्प बात यह है कि हर सामान का बस एक ही नमूना होता है ऐसे में मानसी को ज्यादा सतर्कता बरतनी पड़ती है।प्रीतिका राव 'ऑलथिंग्सप्रीलव्ड' नाम का पेज चलाती हैं, जिनके इंस्टाग्राम पर 2,500 से अधिक फॉलोअर हैं। उन्होंने 8 मार्च, 2020 को बीकेसी मुंबई में अपनी पहली ऑफलाइन किफायती सेल लगाई जहां पहले दिन ही उनका स्टॉक बिक गया। बमुश्किल दो हफ्ते बाद ही कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन लगाना पड़ा ऐसे में राव के पास ऑनलाइन के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था। उनका मानना है कि कई वजहों से महामारी ने इस तरह के बाजार की मदद की है क्योंकि कई लोग अपने वार्डरोब में तब्दीली करना चाह रहे हैं। प्रीतिका कहती हैं, 'महामारी ने लोगों को अपनी निजी जीवन शैली पर फिर से पुनर्विचार करने का मौका दिया है।' वह कहती हैं, 'कपड़े खरीदने और बेचने वाले इस तरह के किफायती मंच के तैयार होने की एक वजह यह भी है कि कई लोग शारीरिक परिवर्तनों से गुजरे हैं। उन्हें विभिन्न आकार के कपड़े की जरूरत पड़ रही है ऐसे में इन किफायती (थ्रिफ्ट) स्टोर से अच्छी गुणवत्ता, किफायती चीजें हासिल करना बड़ी बात है।' राव का कहना है कि उनके पेज पर 95 फीसदी कपड़े लोगों के निजी वार्डरोब से लिए गए हैं। बाकी कपड़े उन्हें लोगों ने बेचने के लिए दिए हैं। वह कहती हैं कि इन कपड़ों की कीमत, उनकी स्थिति और ब्रांड पर निर्भर करती है। सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर, प्राप्ति इलिजाबेथ अक्सर इंस्टाग्राम थ्रिफ्ट पेज से खरीदारी करती हैं। उनका कहना है कि यहां की खरीदारी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कोई भी किसी खास सामान को पा सकता है। जून 2020 में सस्ते और नए फैशन वाले कपड़े की खरीदारी से जुड़े एक प्लेटफॉर्म, 'शीन' सहित कुछ अन्य चीनी ऐप पर केंद्र सरकार की कार्रवाई ने भी उपभोक्ताओं के लिए विकल्पों को सीमित कर दिया जिससे सर्कुलर फैशन सर्किट को बढ़ावा मिला। पर्यावरण के प्रति बढ़ती चिंता की वजह से भी उपभोक्ताओं को फैशन के स्थायी विकल्प तलाशने के लिए प्रेरित किया है। हैदराबाद की संस्कृति शर्मा ने पहली बार 2019 के अंत में इंस्टाग्राम थ्रिफ्ट स्टोर पर ब्राउज करना और खरीदना शुरू किया था। अब इस मंच पर थ्रिफ्ट पन्नों की बड़ी तादाद दिखाई पड़ती है। वह कहती हैं, 'हम सभी ने अपने चचेरे भाई-बहनों के कपड़े, अपनी माँ की साडिय़ों का इस्तेमाल किया है। ऐसे में पसंद की कुछ ऐसी चीजें खरीदने में कोई शर्म की बात नहीं है जिसका पहले इस्तेमाल हो चुका है। मैं हाल ही में अपने उपभोग और फैशन ब्रांड, जारा या एचऐंडएम जैसे ऑनलाइन पोर्टल्स से खरीदारी को लेकर बहुत जागरूक हो गई हूं।' उनका कहना है, 'सिर्फ एक जोड़ी जींस हजारों लीटर पानी और अन्य संसाधनों की खपत करती है। मैं प्रकृति पर और बोझ नहीं डालना चाहती।' मुंबई की मनोचिकित्सक निशि जोशी ने 2017 में शाकाहार अपना लिया और इसके बाद उन्होंने कुछ इसी तरह के कारणों से किफायत पर जोर दिया। डोल्से वी लव, इंस्टाग्राम पर 118, 000 फॉलोअर वाला एक मशहूर थ्रिफ्ट पेज है जो सेलिब्रिटी के चैरिटी वार्डरोब और बड़े पैमाने पर बाजार में बिक्री के लिए जाना जाता है। कोमल हीरानंदानी ने पहले आईडीएफसी इंस्टीट्यूट के साथ काम किया था और उन्होंने स्थायित्व और सर्कुलर फैशन गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए डोल्से वी लव की शुरुआत की। वह कहती हैं, 'मैं हमेशा कुछ ऐसा करना चाहती थी जो चीजों में बदलाव ला सके। प्री-लव्ड एक ऐसा क्षेत्र है जहां व्यवहार में एक छोटा बदलाव भी एक बड़ा सकारात्मक सामाजिक प्रभाव डाल सकता है।'हाल ही में डोल्से वी लव के साथ जुडऩे वाली अभिनेत्री अमृता पुरी कहती हैं, 'जब मेरा परिचय चैरिटी थ्रिफ्ट सेल के विचार से कराया गया तो मैंने सोचा कि यह मेरी चुनी हुई गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) वल्र्ड फॉर ऑल का समर्थन करने का एक शानदार तरीका है जो पशुओं के कल्याण के लिए काम करता है। यह जानना आश्चर्य से भरा है कि जिन चीजों को आप अपनी अलमारी में रखकर उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में अगर यह किसी ऐसे व्यक्ति को मिल जाए जो इसका ज्यादा उपयोग कर सकता है और इससे एक मकसद भी पूरा होगा।' स्टाइलिस्ट नमिता एलेक्जेंडर भी इस बात पर सहमति जताती हैं जिन्होंने अपना वार्डरोब दूसरों के लिए खोला है। वह कहती हैं, 'स्टाइलिस्ट दिखने वाले लोगों को आगे बढ़कर लोगों को यह दिखाना चाहिए कि कैसे पर्यावरण का सम्मान करते हुए कपड़े हमारे आत्म-अभिव्यक्ति का एक पुरस्कृत रूप हो सकते हैं। मैंने खुद अपने लिए विंटेज और थ्रिफ्ट शॉपिंग का आनंद लिया है और एक चैरिटी बिक्री के लिए अपना वार्डरोब खोलने का फैसला किया है।' सामानों और कपड़ों की दोबारा बिक्री में स्टोर को इनकी सफाई से लेकर फोटोग्राफी तक हर चीज का विशेषतौर पर ध्यान रखना होता है। फिलहाल मुनाफे का मार्जिन कम है वहीं थ्रिफ्ट स्टोर जल्द ही बिक्री बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं। ऑनलाइन माल और थ्रिफ्ट स्टोर थ्रेडअप्स 2021 की रीसेल बिक्री की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक सेकंड-हैंड बाजार अगले पांच वर्षों में दोगुना होकर 77 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। 2020 में पहली बार 3.3 करोड़ उपभोक्ताओं ने सेकेंड हैंड परिधान खरीदे, जिनमें से 76 फीसदी खरीदारों ने अगले पांच वर्षों में अपना खर्च बढ़ाने की योजना बनाई है। रिपोर्ट के अनुसार, दोबारा बिक्री वाला कारोबार पांच वर्षों में 5.4 प्रतिशत बढऩे का अनुमान है।
