एचडीएफसी म्युचुअल फंड (एमएफ) ने अपनी रैंकिंग में गिरावट के बीच कई एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) पेश करने की तैयारी की है। देश की बेहद मूल्यवान परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी ने पिछले दो दिनों में बाजार नियामक सेबी के पास पैसिव श्रेणी में 9 पेशकश दस्तावेज सौंपे हैं। इस कदम को बाजार भागीदारी बढ़ाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इस फंड हाउस की बाजार भागीदारी कमजोर हुई है। एचडीएफसी एमएफ की रैंकिंग हाल में समाप्त हुई सितंबर तिमाही के दौरान घटकर तीसरे पायदान पर रह गई। म्युचुअल फंडों के संगठन एम्फी के आंकड़े से पता चलता है कि एचडीएफसी एमएफ की औसत प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एएयूएम) तिमाही के दौरान 4.38 लाख करोड़ रुपये पर थीं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ का स्थान 4.47 लाख करोड़ रुपये की एएयूएम के साथ दूसरा था। इस उद्योग के सूत्रों का कहना है कि एचडीएफसी एमएफ ने नए फंडों को पेश करने में दिलचस्पी बढ़ाई है। उनका कहना है कि फंड हाउस अगले कुछ महीनों के दौरान कुछ और योजनाओं के लिए दस्तावेज सौंपेगा। पिछले 6 महीनों में, फंड हाउस इक्विटी तथा हाइब्रिड समेत चार योजनाएं पेश कर चुका है। इस उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'एचडीएफसी एमएफ की कई इक्विटी योजनाओं का प्रदर्शन सुधरा है और वह मौजूदा योजनाओं की बिक्री करेगा तथा अपनी बाजार भागीदारी बढ़ाने के लिए नई पेशकशों पर ज्यादा जोर देगा। पैसिव फंडों को पेश करने का मकसद बाजार में धीरे धीरे अपनी भागीदारी बढ़ाना है।' पिछले कुछ वर्षों में एचडीएफसी एमएफ को अपनी बाजार भागीदारी लगातार गंवानी पड़ी, क्योंकि उसके मुख्य इक्विटी फंडों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। लेकिन पिछले एक साल में उसके कई फंडों के प्रदर्शन ने सुधार दर्ज किया है। जुलाई-सितंबर तिमाही में एचडीएफसी एमएफ की एयूएम बाजार भागीदारी पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 13.6 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 12.13 प्रतिशत रह गई।
