मजबूत धारणा से ब्रोकिंग शेयरों में आई तेजी | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई October 05, 2021 | | | | |
कई ब्रोकरेज कंपनियों के शेयरों में पिछले एक साल में शानदार तेजी आई है। इस क्षेत्र के लिए मजबूत परिदृश्य और ग्राहकों की संख्या में रिकॉर्ड तेजी से इन शेयरों को तेजी दर्ज करने में मदद मिली है।
ऐंजल वन, आईआईएफएल सिक्योरिटीज और जियोजित की शेयर कीमतें 100 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ी हैं, जबकि एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में समान अवधि के दौरान 92 प्रतिशत और 62 प्रतिशत की तेजी आई।
यह तेजी एक साल में दर्ज की गई, जब प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी-50 में 51 प्रतिशत और 53 प्रतिशत की तेजी आई।
बाजार जानकारों के अनुसार, ब्रोकिंग उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई बदलाव दर्ज किए हैं, जो डिस्काउंट ब्रोकरों की बढ़ती लोकप्रियता, इक्विटी बाजारों में तेजी, डिजिटलीकरण और विभिन्न निवेशक वर्गों में बढ़ती दिलचस्पी से संबंधित हैं।
कई ब्रोकरों ने महामारी के बाद टियर-2 और 3 शहरों में पैठ बढ़ाने के लिए डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल किया है और अपना सक्रिय ग्राहक आधार बढ़ाया है। निर्धारित आय परिसंपत्ति वर्ग में कम प्रतिफल, कई सक्रिय म्युचुअल फंड योजनाओं के कमजोर प्रदर्शन और बड़ी तादाद में नए निवेशकों के प्रवेश से भी मदद मिली है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज द्वारा जारी एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है, 'हमें विश्वास है कि उद्योग सेवा मॉडल के लिए नि:शुल्क सेवा की दिशा में बढ़ रहा है, जिसमें ग्राहक से निर्धारित शुल्क के बजाय उपलब्ध सेवा के हिसाब से शुल्क लिया जाता है। वित्तीय बचत बढऩे और ब्याज दरें घटने से इक्विटी का आकर्षण बना रहेगा।'
डिजिटल-आधारित प्रमुख पांच ब्रोकरों- जीरोधा, अपस्टॉक्स, ऐंजल वन, 5पैसा, और ग्रो- ने जुलाई के अंत तक 53 प्रतिशत की शानदार बाजार भागीदारी हासिल की थी और इनके सक्रिय ग्राहकों की संख्या 1.26 करोड़ पर पहुंच गई। बाजार भागीदारी का यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2019 के अंत में 17 प्रतिशत पर था।
कुछ साल पहले, जीरोधा जैसे ब्रोकरों ने अपने डिस्काउंटिंग मॉडल के साथ इस उद्योग में नया बदलाव लाने में योगदान दिया था और वह अभी भी डिजिटल ब्रोकरों के लिए मुख्य माध्यम बना हुआ है। कई डिजिटल ब्रोकर इंट्राडे और एफऐंडओ सौदों के लिए 20 रुपये का शुल्क वसूलते हैं। पारंपरिक ब्रोकरों ने भी अपने शुल्क घटाए हैं और कीमतों में अब बहुत ज्यादा अंतर नहीं रह गया है।
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