राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) के मुंबई पीठ ने ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज से इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड द्वारा कंपनी के खिलाफ दिए गए आवेदन पर 7 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। इससे पहले ज़ी ने पीठ से आग्रह किया था कि उसे आवेदन पर जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए क्योंकि इन्वेस्को द्वारा दिए गए तर्क से प्रतीत होता है कि वह मामले में अंतरिम राहत चाहती है न कि मामले के निपटारे के पक्ष में है। पंचाट 7 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करेगा। ज़ी एंटरटेनमेंट का पक्ष रखते हुए नवरोज सीरभाई ने कहा कि इन्वेस्को और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड के आवेदन को खारिज कर देना चाहिए क्योंकि इसमें अंतरिम राहत के तौर पर अंतिम राहत की मांग की गई है जबकि मामले की सुनवाई पूरी होने से पहले ऐसा नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने तर्क दिया कि पंचाट मौजूदा मामले में अनिवार्य अंतरिम राहत नहीं दे सकता है क्योंकि इससे यथास्थिति के आदेश में संशोधन हो सकता है। इन्वेस्को ने सोमवार को पंचाट से आग्रह किया था कि वह ज़ी को असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने का निर्देश देते हुए अनिवार्य आदेश पारित करे। इन्वेस्को ने ईजीएम की अध्यक्षता के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त किए जाने की मांग भी की है। पंचाट ने कहा कि इस मामले से जुड़े सभी प्रतिवादी - ज़ी एंटरटेनमेंट, पुनीत गोयनका और निदेशक मंडल, इन्वेस्को और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड के तर्कों से वाकिफ हैं, इसलिए उनसे सरल जवाब दाखिल करने की उम्मीद की जाती है। उल्लेखनीय है कि ज़ी ने इन्वेस्को के आवेदन का विरोध किया था। इन्वेस्को के आवेदन में कहा गया था कि एनसीएलटी कंपनी को ईजीएम बुलाने का निर्देश दे। ज़ी ने इस मामले में बंबई उच्च न्यायालय का भी रुख किया था और कहा था कि इन्वेस्को तथा ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड के अनुरोध अनुचित, गैर-कानूनी हैं और कानून के तहत उन्हें लागू नहीं किया जा सकता। ज़ी ने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में यह भी कहा है कि एनसीएलटी अनुरोध नोटिस की वैधता पर निर्णय नहीं कर सकता। इस पर उच्च न्यायालय ही निर्णय दे सकता है। आज सुनवाई के बाद ज़ी के प्रवक्ता ने कहा, 'कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, कंपनी पहले ही बंबई उच्च न्यायालय जा चुकी है और यह घोषित कर चुकी है कि इन्वेस्को तथा ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड द्वारा भेजा गया अनुरोध नोटिस वैध नहीं है। कंपनी अपने सभी शेयरधारकों के हित में कानून सम्मत हर जरूरत कदम उठाती रहेगी।' ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड का पक्ष रखते हुए जनक द्वारकादास ने कहा कि ज़ी एंटरटेनमेंट पंचाट में यह दर्शाने का प्रयास कर रही है कि दो अदालतों में यह मामला चल रहा है और उच्च न्यायालय को इस पर निर्णय लेने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज़ी कंपनी कानून, 2013 की धारा 98 के तहत असाधारण आम बैठक (ईजीएम) आयोजित करने का निर्णय नहीं ले रही है। ऐसे में दो फंडों द्वारा अपनी ओर से ईजीएम बुलाया जाना व्यवहारिक नहीं होगा, इसलिए एनसीएलटी को इसका निर्देश देना चाहिए। ज़ी के निदेेशक मंडल ने पिछले हफ्ते इन्वेस्को की ईजीएम बुलाने की मांग खारिज कर दी थी।
