असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने में देरी करने के लिए ज़ी एंटरटेनमेंट के खिलाफ नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में शिकायत करने वाले इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड ने आज ट्रिब्यूनल से गुहार लगाई कि कंपनी को ईजीएम बुलाने के लिए निर्देश दिया जाए। इसके अलावा उसने ईजीएम का नेतृत्व करने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को भी नियुक्त करने का आग्रह किया। दूसरी ओर, ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी की ओर से एनसीएलटी में दायर याचिका का विरोध किया है। उसका कहना है कि इन दोनों फंडों की ओर से दायर याचिका मानने के लायक नहीं है। इसके अलावा उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले की सुनवाई करना ट्रिब्यूनल के न्यायिक क्षेत्राधिकार में नहीं है। पिछली बार जब इस मामले की सुनवाई एनसीएलटी के मुंबई पीठ में हुई थी तो ट्रिब्यूनल ने ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज से यह कहते हुए एक आदेश पारित किया था कि कंपनी की असाधारण आम बैठक बुलाने के लिए इन्वेस्को डेवलपमेंट मार्केट्स फंड एवं ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलपी के आग्रह पर ज़ी एंटरप्राइजेज के बोर्ड को विचार करना चाहिए। उसके बाद ज़ी बोर्ड की बैठक हुई और ईजीएम बुलाने संबंधी इन्वेस्को फंड की मांग को खारिज करने का निर्णय लिया गया। बोर्ड ने यह दलील देते हुए ईजीएम बुलाने की मांग को खारिज कर दिया कि इन दो वैश्विक फंडों की मांग अमान्य और अवैध है। ज़ी ने कहा कि उसके बोर्ड ने विभिन्न कानून के तहत तमाम गैर-अनुपालन का उल्लेख करते हुए यह निर्णय लिया। इसमें भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बाजार (सेबी) के दिशानिर्देश, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दिशानिर्देश और कंपनी कानून एवं प्रतिस्पर्धा कानून की प्रमुख धाराएं शामिल हैं। कंपनी ने कहा कि सभी शेयरधारकों एवं हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने यह निर्णय लिया है। इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने ईजीएम बुलाने के आग्रह को अमान्य एवं अवैध करार देने का विरोध करते हुए कहा कि आग्रह की वैधता इस बात पर निर्भर करती है कि शेयरधारक के पास 10 फीसदी शेयर हिससेदारी है अथवा नहीं। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी के बोर्ड के लिए यह आवश्यक है कि वह 10 फीसदी शेयर हिस्सेदारी वाले शेयरधारकों के अनुरोध का सम्मान करे। रोहतगी ने यह भी कहा कि ईजीएम का उद्देश्य न्यायिक जांच से परे है। इसलिए ईजीएम आयोजित करने से इनकार करना ज़ी बोर्ड का गलत निर्णय है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले को एमडी एवं सीईओ पुनीत गोयनका द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। ऐसे में यह ध्यान देना महत्त्वपूर्ण है कि दोनों फंड कंपनी के एमडी एवं सीईओ पद से गोयनका को हटाना चाहते हैं और कंपनी के बोर्ड में एक नया स्वतंत्र निदेशक को नियुक्त करना चाहते हैं। उनका मानना है कि कंपनी का संचालन उस तरीके से नहीं किया जा रहा है जैसा होना चाहिए। रोहतगी ने कहा कि स्वतंत्र निदेशक एमडी के इशारे पर चल रहे हैं और उन्होंने कोई स्वतंत्र रुख नहीं दर्शाया है। उन्होंने यह भी कहा कि ईजीएम के नतीजे को लेकर वे चिंतित नहीं हैं बल्कि ईजीएम बुलाने को लेकर चिंतित हैं।
