मल्टीप्लेक्स चेन ने अप्रैल 2022 से सिनेमाघरों और ओटीटी मंचों पर फिल्मों के रिलीज के बीच के अंतर को दोगुना करते हुए इसे चार के बजाय आठ हफ्ते तक रखने पर जोर देने का फैसला किया है। इस कदम से ओटीटी खिलाडिय़ों के साथ उनकी तनातनी बढ़ सकती है जिन्होंने कोविड से संबंधित प्रतिबंधों की वजह सिनेमाघरों में कम दर्शकों (कई क्षेत्रों में 50 प्रतिशत) की अनुमति के बीच दो रिलीज के बीच के अंतर को चार सप्ताह तक सीमित कर दिया था। लंबे समय तक एक फिल्म को रिलीज न करने से होने वाले वित्तीय नुकसान को देखते हुए फिल्म निर्माता कंपनी ने ओटीटी खिलाडिय़ों के साथ अंतर को कम करने की बात की है ताकि फिल्मों की बेहतर कीमत मिल सके क्योंकि सिनेमाघरों में कम दर्शकों के कारण बॉक्स-ऑफिस से होने वाली कमाई भी कम हो गई। मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) के अध्यक्ष और मल्टीप्लेक्स चेन, पीवीआर पिक्चर्स के सीईओ कमल ज्ञानचंदानी कहते हैं, ' चार सप्ताह का अंतराल एक अस्थायी उपाय था। हमने तय किया है कि अप्रैल 2022 से हम पहले की तरह आठ सप्ताह के अंतराल पर वापस जाएंगे। निर्माताओं ने काफी समर्थन दिया है। हम सभी एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर ही रह सकते हैं और उद्योग को बड़ा बना सकते हैं।' मल्टीप्लेक्स मालिकों की अपनी ताकत है क्योंकि किसी भी सामान्य वर्ष में कुल बॉक्स-ऑफिस कमाई में इनकी हिस्सेदारी लगभग 55 प्रतिशत होती है। ज्ञानचंदानी बताते हैं कि नियम यह है कि एक फिल्म पहले बड़े पर्दे पर और फिर ओटीटी, टीवी और अन्य मंचों पर रिलीज होती है। अब जब देश में कोविड-19 संक्रमण की दर कम हो गई है और सिनेमाघरों में आने वाले दर्शकों की संख्या पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है तब मल्टीप्लेक्स मालिकफिर से इस कारोबार में वापसी कर सकते हैं। हालांकि, ओटीटी खिलाडिय़ों का कहना है कि इस संबंध में अंतिम फैसला प्रोडक्शन कंपनी को ही करना है और उन्हें यह तय करना होगा कि वे किस मंच का इस्तेमाल करना चाहते हैं और वे पहले कहां जाना चाहते हैं। ओटीटी विभिन्न मॉडलों के एक साथ काम करने की उम्मीद करता है न कि केवल एक मॉडल पर जिसके तहत हर फिल्म को सिनेमाघरों में पहले ही रिलीज कराना है। 'शकुंतला देवी' जैसी फिल्में बनाने वाली अबनदतिया एंटरटेनमेंट के संस्थापक और सीईओ विक्रम मल्होत्रा इस बात की ओर इशारा करते हैं, 'वितरण के वैकल्पिक मॉडल उभरने में कम से कम छह महीने लगेंगे। यह दर्शकों द्वारा तय किया जाएगा कि वे टिकट खरीद कर सिनेमाघरों में फिल्म देखना चाहते हैं या वे इसे ओटीटी मंच पर देखना चाहते हैं। आखिरकार निर्माताओं और मल्टीप्लेक्स मालिकों के बीच एक आम सहमति बनेगी।' लॉकडाउन से 'शकुंतला देवी' सिनेमाघर के बजाय ओटीटी मंच पर रिलीज की गई थी। मल्होत्रा बड़े बजट के साथ बड़े पर्दे के लिए भी एक फिल्म बना रहे हैं 'रामसेतु' जिसमें अक्षय कुमार मुख्य भूमिका में हैं। सरकार ने मार्च 2020 से देश भर में मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन बंद करने का निर्देश दे दिया था और 2021 में भी छह महीने तक सिनेमाघर बंद रहे। ऐसे में मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन (एमपीए) का अनुमान है कि ओटीटी मंच इस साल सामग्री के लिए 1 अरब डॉलर से अधिक राशि खर्च करेंगे जबकि पिछले साल इन्हें 70 करोड़ डॉलर खर्च करना पड़ा था। डिज़्नी+हॉटस्टार, एमेजॉन प्राइम, नेटफ्लिक्स और ज़ी जैसे प्रमुख खिलाड़ी अपने मंच पर पहले फिल्में दिखाने के लिए होड़ में लगे हैं। इसके अलावा, ओटीटी ने भी इस साल मूल सामग्री में भी भारी निवेश किया है, जो एमपीए के अनुसार उनके कुल निवेश के 30 प्रतिशत से अधिक है। मल्टीप्लेक्स और ओटीटी खिलाडिय़ों के बीच पहले भी तनातनी रही है। विवादों का सिलसिला तब शुरू हुआ जब 2019 में मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो फाइबर-टू-होम ब्रॉडबैंड सेवाओं के प्रीमियम सदस्य वे सभी फिल्में उस दिन देख सकेंगे, जिस दिन वे मल्टीप्लेक्स स्क्रीन पर रिलीज होंगी।
