विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी को एक अन्य पत्र लिखा है, जिसमें भारतीय बाजारों के लिए टी+1 निपटान पर नए नियम को टालने की कोशिश करने को कहा गया है। एफपीआई ने नियामक से इस नियम को टालने का अनुरोध किया है जिससे कि सभी हितधारकों को टी+1 मॉडल के सुरक्षित क्रियान्वयन के संदर्भ में जरूरी परिचालन प्रक्रियाओं को समझने और परखने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। यह नया नियम 1 जनवरी से प्रभावी है। देश में निवेश करने वाले प्रत्येक पांच में से तीन एफपीआई गैर-एशियाई क्षेत्रों से हैं और निपटान अवधि घटाने की यह पहल उनमें से ज्यादाकर को प्रभावित कर सकती है। इस साल के शुरू में टी+1 निपटान चक्र को लागू करने की योजना बनाने वाले अमेरिका ने इस व्यवस्था पर अमल के लिए 2023 की समय-सीमा निर्धारित की है और इस बदलाव के लिए बाजार कारोबारियों को पूरी तरह तैयार होने में करीब दो साल का समय देने की जरूरत है। एशिया सिक्योरिटीज इंडस्ट्रीज ऐंड फाइनैंशियल मार्केट्स एसोसिएशन (असिफमा), एशिया ट्रेडरफोरम (एटीएफ) और द इन्वेस्टमेंट एसोसिएशन (आईए) द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई एक रिपोर्ट में कहा गया है, 'एफपीआई टी+1 निपटान चक्र से संबंधित विभिन्न परिचालन और व्यावसायिक चुनौतियों की पहचान और उनका समाधान निकालने के लिए सेबी, अन्य नियामकीय प्राधिकरणों और बाजार कारोबारियों के साथ काम करने को तैयार हैं।' असिफमा में 150 से ज्यादा प्रमुख एफपीआई शामिल हैं। एटीएफ एशिया प्रशांत क्षेत्र में इक्विटी कारोबारियों को खरीदारी के संदर्भ में सदस्यता समूह है।
