आपका टर्म बीमा प्रीमियम महंगा होने के आसार हैं। भारतीय बीमा बाजार के लिए सबसे बड़ी पुनर्बीमा कंपनी म्यूनिख री ने शुद्घ सुरक्षा कवर के पोर्टफोलियो के लिए अंडरराइटिंग दरें 40 फीसदी तक बढ़ा दी हैं। इसकी वजह से टर्म बीमा प्रीमियम 25 से 30 फीसदी तक बढ़ सकता है।एक निजी जीवन बीमा कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस वैश्विक पुनर्बीमा कंपनी ने दरें बढ़ाने का फैसला बता दिया है। सूत्रों ने बताया कि इस फैसले के बारे में कम से कम 8-10 बीमा कंपनियों को सूचित किया गया है। नई दरें दिसंबर से लागूू होंगी। अधिकारी ने कहा, 'पुनर्बीमा कंपनी ने विभिन्न कंपनियों के लिए टर्म पॉलिसी की दरें 30 से 40 फीसदी तक बढ़ा दी हैं। इससे प्रीमियम दरों में 25 से 30 फीसदी इजाफा होगा।'इस साल दूसरी बार पुनर्बीमा दरें बढ़ाई गई हैं। मार्च में दरें 4 से 5 फीसदी बढ़ाई गई थीं। पिछले साल जून में 20 से 25 फीसदी की भारी बढ़ोतरी की गई थी। म्यूनिख री पिछले कुछ वर्षों से लंबी अवधि के मृत्यु दर के रुझानोंं का अध्ययन कर रही है। इसने पुनर्बीमा दरें बढ़ाने के अलावा अंडरराइटिंग के मानक भी कड़े किए हैं। म्यूनिख री के एक प्रवक्ता ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बीमा उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि बीते वर्षों में बिना उचित चिकित्सा जांच के बेची गईं टर्म पॉलिसी का अनुभव संतोषजनक नहीं रहा है। इसके अलावा कोविड-19 महामारी के कारण और विशेष रूप से दूसरी लहर के बाद मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है। पुनर्बीमा दरों में बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर डाला जाएगा, जिन्हें अब ज्यादा प्रीमियम चुकाना होगा। हालांकि प्रीमियम में बढ़ोतरी हर कंपनी में अलग-अलग रहेगी। ऑनलाइन बीमा एग्रीगेटर पॉलिसीएक्स डॉट कॉम के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी नवल गोयल ने कहा, 'ज्यादातर कंपनियों को दर में बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर डालना पड़ेगा। वे खुद 30 से 40 फीसदी बढ़ोतरी का भार वहन नहीं कर पाएंगी। कुछ कंपनियां इसे कुछ महीने टाल सकती हैं मगर आखिर में इसका भार ग्राहकों पर आना तय है।'हर बीमा कंपनी पुनर्बीमा दरों में बढ़ोतरी का कितना भार ग्राहकों पर डालेगी, यह उसके बहीखातों की स्थिति और दावों के अनुपात आदि पर निर्भर करेगा। ग्राहकों पर असर का स्तर भी प्रत्येक ग्राहक खंड पर निर्भर करेगा। म्यूनिख री ने हाल में कंपनी के नतीजों के बाद कहा था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण भारत से दावों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। देश में खुदरा जीवन बीमा के बड़े हिस्से पर म्यूनिख री का नियंत्रण है। गोयल ने कहा, 'बीमा विभिन्न खंडों में मृत्युु दर के अनुमानित आंकड़ों पर काम करता है। पिछले कुछ वर्षोंं के दौरान टर्म बीमा प्रीमियम की दरों में लगातार कमी आई है।' उन्होंने कहा, 'आज भी भारत में कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं। मृत्यु दर और दावों पर नए आंकड़े आ गए हैं, इसलिए ये कीमत बढ़ोतरी एक तरह से समायोजन हैं। कोविड से संबंधित मौतों के कारण भी प्रीमियम दरों में इजाफा हुआ है।'भारत में जीवन बीमा कंपनियों को पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष में कोविड से संबंधित मौतों के चार से पांच गुना दावे मिले हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। नतीजतन बीमा कंपनियों ने कोविड से निपटने के लिए हर वित्त वर्ष की शुरुआत में अलग रख जाने वाला प्रावधान कोष बढ़ाया है।
