सूचीबद्घ उभरते बाजार का फंड प्रवाह लगभग सभी देशों के लिए सकारात्मक रहा। चीन ने अगस्त में उभरते बाजारों में सर्वाधिक पूंजी प्रवाह (6.7 अरब डॉलर) दर्ज किया, जिसके बाद दक्षिण कोरिया और ताइवान ने 3.4 अरब डॉलर और 2.1 अरब डॉलर का प्रवाह दर्ज किया। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज द्वारा जुटाए गए ईपीएफआर आंकड़े से पता चलता है कि भारत में पूंजी प्रवाह अगस्त के दौरान 98.3 करोड़ डॉलर पर रहा। भारत-केंद्रित फंडों से अगस्त में 16.5 करोड़ डॉलर की निकासी दर्ज की गई और कैलेंडर वर्ष 2021 में कुल निकासी बढ़कर 2.6 अरब डॉलर पर पहुंच गई। वैश्विक उभरते बाजार (जीईएम) फंडों ने 1.1 अरब डॉलर का पूंजी प्रवाह आकर्षित किया था और इस तरह से कैलेंडर वर्ष 2021 में यह आंकड़ा लगभग 6.6 अरब डॉलर पर रहा। भारत-केंद्रित फंडों की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) साल में 18.3 प्रतिशत बढ़कर अगस्त तक 45.9 अरब डॉलर पर पहुंच गईं। जीईएम की एयूएम 36.5 प्रतिशत बढ़कर 154.5 अरब डॉलर पर रहीं। ईपीएफआर फंड प्रवाह का आंकड़ा मुख्य तौर पर म्युचुअल फंडों, ईटीएफ, क्लोज्ड-एंड फंडों, वैरिएबल एन्युटी फंडों, और बीमा-आधारित फंडों के प्रदर्शन पर केंद्रित होता है। इसमें हेज फंडों, प्रॉपराइटरी डेस्क और सॉवरिन वेल्थ फंडों (जिन पर एनएसडीएल द्वारा नजर रखी जाती है) से निवेश को शामिल नहीं किया जाता है। इंडिया बाई एशिया एक्स-जापान फंडों के लिए कुल आवंटन अगस्त में जुलाई के 14.8 प्रतिशत से बढ़कर 15.9 प्रतिशत हो गया, जबकि जीईएम फंडों के लिए यह आंकड़ा अगस्त में पूर्ववर्ती महीने के 11.6 प्रतिशत से बढ़कर 12.5 प्रतिशत पर पहुंच गया। वित्त क्षेत्र में 33.8 करोड़ डॉलर की निकासी के साथ अगस्त में भारी बिकवाली दर्ज की गई।
