सरकारी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और उसकी सहायक चेन्नई पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसीएल) ने तमिलनाडु के नागपत्तनम में 31,850 करोड़ रुपये की रिफाइनरी परियोजना पर आगे बढऩा शुरू कर दिया है।प्रस्तावित 90 लाख टन सालाना वाली रिफाइनरी में दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी 25-25 फीसदी होगी, बाकी 50 फीसदी हिस्सेदारी रणनीतिक या वित्तीय साझेदार के पास होगी, जिसके लिए बातचीत चल रही है। इन कंपनियों ने भारतीय स्टेट बैंक की सहायक एसबीआई कैपिटल मार्केट्स को इस ग्रीनफील्ड परियोजना के लिए वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया है।एसबीआई कैप्स सीड इन्वेस्टर्स की पहचान करने में मदद करेगी और इक्विटी या क्वासी इक्विटी में 5,000 करोड़ रुपये तक निवेश करेगी, साथ ही परियोजना के लिए 20,000 करोड़ रुपये के कर्ज की भी व्यवस्था करेगी। सीपीसीएल ने यह जानकारी दी। इस परियोजना की वित्तीय खाताबंदी छह महीने के भीतर हासिल होने की संभावना है। जब काम शुरू हो जाएगा तब यह परियोजना 45 से 50 महीने में पूरी हो जाएगी।सीपीसीएल ने इंजीनियर्स इंडिया, मैकडॉरमॉट और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स जैसे कंसल्टेंट को भी जोड़ा है और कहा जा रहा है कि करीब 1,500 करोड़ रुपये के अनुबंधों पर हस्ताक्षर भी किए हैं। इससे पहले 3 सितंबर को राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्तालिन ने परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का आदेश सौंप दिया था। सीपीसीएल ने एक बयान में कहा, तमिलनाडु सरकार की सक्रिय मदद 868 एकड़ जमीन अधिग्रहण की मंजूरी और जरूरी सरकारी गजट अधिसूचना जारी किए जाने के तौर पर मिली है। इस परियोजना के जरिये मोटर स्पिरिट और हाई स्पीड डीजल तमिलनाडु के दूरदराज के इलाकों व इससे जुड़े अन्य इलाकों में आपूर्ति की जाएगी। साथ ही इस परियोजना में पोलीप्रोपलीन जैसे उत्पादों के निर्यात की भी क्षमता है। बयान में कहा गया है, फंडिंग की गतिविधियां व परियोजना से जुड़ी गतिविधियां तय समय के मुताबिक चलेंगी और यह जिले के साथ-साथ राज्य का विकास भी करेगा।
