सरोज कुमार पोद्दार की अगुआई वाली टेक्समेको रेल एंड इंजीनियरिंग (टेक्सरेल) लाभ में सुधार के लिए राइट्स इश्यू के जरिये उच्च लागत वाले कुछ अल्पावधि कर्ज को समाप्त करने पर विचार करेगी। बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कंपनी के उप-प्रबंध निदेशक आशिष कुमार गुप्ता ने कहा, कंपनी सितंबर के आखिर तक राइट्स इश्यू का आकार और उसकी कीमत को अंतिम रूप दे देगी। गुप्ता ने कहा, हम पहले ही राइट्स इश्यू की घोषणा कर चुके हैं, जो जल्द खुलने जा रहा है और इसी महीने यह आ सकता है। अगले कुछ दिन में राइट्स इश्यू के आकार और कीमत को अंतिम रूप दे दिया जाएगा और मुझे लगता है कि हम जल्द बाजार में उतरेंगे। रेलवे के परिचालन की खातिर रोलिंग स्टॉक की पेशकश में टेक्सरेल का वर्चस्व है। कंपनी का ऑर्डरबुक अच्छा खासा है, लेकिन वह उच्च लागत वाले कर्ज के कारण कुछ अवरोध का सामना कर रही है, जो उसके लाभ पर असर डाल रहा है। इस वजह से एक्सचेंजों पर कंपनी के शेयर की कीमतें घटी हैं, जिससे राइट्स इश्यू पेश करने में भी देर हो रही है। उन्होंंने कहा, राइट्स इश्यू से मिलने वाली रकम से हम उच्च लागत वाले कर्ज का निपटान करेंगे। अभी अल्पावधि का कुल कर्ज 450 करोड़ रुपये का है, वहीं लंबी अवधि का कर्ज करीब 40 करोड़ रुपये का है। हम अल्पावधि वाले कर्ज का एक हिस्सा राइट्स इश्यू से मिलने वाली रकम के जरिए निपटाने की कोशिश करेंगे। इससे कर्ज का पुनर्भुगतान तेज गति से करने में मदद मिलेगी क्योंकि इससे ब्याज भुगतान घट जाएगा। गुप्ता के मुताबिक, टेक्सरेल के पास जून 2021 के आखिर में करीब 100-105 करोड़ रुपये की नकदी थी। कंपनी का एकीकृत ऑर्डर बुक करीब 3,400 करोड़ रुपये का है। कंपनी के संभावित कायापलट पर एक सवाल के जवाब में गुप्ता ने कहा, हम ब्याज लागत घटाने पर काम कर रहे हैं और राइट्स इश्यू से हमें यहां मदद मिलेगी। यह एबिटा और कर पूर्व लाभ के बीच का अंतर सुधार देगा। हम लागत घटाने पर भी काम कर रहे हैं और लंबी अवधि की लागत कटौती की रणनीति पर हमारे साथ एक कंसल्टेंट काम कर रहा है। उन्होंने कहा, रेलवे की काफी निविदा आ रही है और हम उसमें भागीदारी करेंगे। हमारा ध्यान मुख्य रूप से ट्रैक बिछाने पर होगा। हम आने वाली मेट्रो परियोजनाओं में भी दिलचस्पी रखते हैं।
