डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन आफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) ने ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के सोननगर (न्यू चिरेलापथु) से अंडाल खंड को विकसित करने वाले निजी कंसेसनायरों को जोखिम रहित करने का प्रस्ताव किया है। डीएफसीसीआईएल इस खंड को डिजाइन, फाइनैंस, बिल्ड, ऑपरेट, मेंटेन और ट्रांसफर (डीएफबीओटी) मॉडल पर सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी (पीपीपी) से विकसित करना चाहता है। डीएफसीसीआईएल के प्रबंध निदेशक आरके जैन ने कहा, 'निजी कारोबारियों ने कहा कि वे प्रस्तावित खंड पर 30 साल के कॉन्ट्रैक्ट अवधि के दौरान अनुमानित ट्रैफिक को लेकर आशंकित हैं।' जैन ने कहा, 'इस मसले के समाधान के लिए भारतीय रेलवे और डीएफसीसीआईएल ट्रैफिक और ट्रैफिक से जुड़े जोखिम की जिम्मेदारी ले सकता है, जिसकी वजह से कंसेसनायर के जोखिम की मात्रा कम हो जाएगी। कंसेसनायर डिजाइन, कंस्ट्रक् शन, फाइनैंस, ऑपरेशन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा।' उम्मीद की जा रही है कि यह खंड हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बड़े पॉवर हाउसेज, औद्योगिक गलियारों और मल्टी मोडल लॉजिस्क्सि पार्कों (एमएमएलपी) को सुविधा पहुंचाएगा।
