एडीबी ने घटाया वृद्घि अनुमान | निकुंज ओहरी / नई दिल्ली September 22, 2021 | | | | |
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत के वृद्घि अनुमान को 11 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। बैंक ने अपने अनुमान में यह कटौती कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण सेवाओं, घरेलू खपत और शहरी अनौपचारिक क्षेत्र पर पड़े बुरे प्रभाव को ध्यान में रखकर की है।
एजेंसी ने अपनी एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (एडीओ) 2021 रिपोर्ट में कहा कि मई महीने में कोविड-19 के मामलों में तेजी आने से भारत की आर्थिक रिकवरी पर असर पडऩे के परिणामस्वरूप वृद्घि अनुमान में यह कटौती की गई है। बहुपक्षीय एजेंसी ने कहा, 'अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021 की बची हुई तीन तिमाहियों में तेजी से वापसी करने की उम्मीद जताई गई है। पूरे वर्ष के लिए वृद्घि दर 10 फीसदी रहेगी जिसके बाद वित्त वर्ष 2022 में यह कम होकर 7.5 फीसदी पर आ जाएगी। चूंकि खपत में सुधार धीरे धीरे आएगा लेकिन सरकारी खर्च और निर्यात वित्त वर्ष 2021 की वृद्घि में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले अधिक योगदान करेंगे।'
चालू वित्त वर्ष की अंतिम तीन तिमाहियों में आर्थिक सुधार इलेक्ट्रॉनिक वेबिलों, गतिशीलता आंकड़ों और पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स में सुधार के आधार पर अनुमानित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवारों की आय, खर्च क्षमता और उधारी पर महामारी के असर के कारण निजी खपत और निवेश कमजोर रहने की आशंका है। हालांकि, अपनी राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) योजना के जरिये संपत्तियों के मुद्रीकरण की सरकार की योजना से बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निवेश में तेजी आने की उम्मीद है। एडीबी की रिपोर्ट में कहा गया है, 'कृषि क्षेत्र में वृद्घि लचीली बनी रहेगी हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी के प्रसार और मॉनसून में देरी के कारण कृषि उत्पादन में मामूली कमी आएगी।'
अप्रैल में जारी अपने पिछले आउटलुक में एडीबी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्घि दर 11 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। तब अगले वित्त वर्ष के लिए उसने 7 फीसदी की वृद्घि दर का अनुमान जताया था।
एजेंसी ने कहा कि उसके मौजूदा अनुमान में माना गया है कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर का असर सीमित रहेगा क्योंकि टीकाकरण अभियान निर्धारित गति से आगे बढ़ रहा है और परिवारों तथा कंपनियों की तैयारी बेहतर है। राष्ट्रव्यापी सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण से पता चला है कि करीब दो तिहाई आबादी में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण हो चुका है। इसके कारण से भी तीसरी लहर का असर सीमित रहेगा। पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक ने घरेलू आर्थिक गतिवधि के सामान्य होने और अर्थव्यवस्था के चरणबद्घ तरीके से खुलने को ध्यान में रखकर 2021-22 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्घि का अनुमान 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा था। एडीबी ने कहा कि आपूर्ति शृंखला की बाधाएं सुगम होने पर चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति कम होकर 5.5 फीसदी पर आ जाएगी।
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