सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्याधिकारी अदार पूनावाला को लगता है कि टीके का निर्यात अगले दो महीनों में शुरू हो सकता है। उनका कहना है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो भारत में जरूरत भर के टीकों का पूरा भंडार तैयार हो गया है। इधर नोवावैक्स टीके के लिए कच्चे माल की आपूर्ति में मार्च की तुलना में सुधार हुआ है। सीरम दिसंबर में मासिक उत्पादन योजना की घोषणा कर सकती है। पूनावाला ने आज कहा, 'निर्यात पर कोई पाबंदी नहीं थी लेकिन अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया था। मुझे लगता है कि एक-दो महीने में इसमें धीरे-धीरे ढील दी जाएगी। मैं कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता लेकिन ऐसा जल्द ही होगा।' उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही ऐसी स्थिति में पहुंच जाएगा जब उसके पास टीके का पर्याप्त भंडार होगा। उन्होंने स्पष्टï किया कि निर्यात पाबंदी में ढील देना सरकार का निर्णय होगा और सरकार जब उचित समझेगी ऐसा करेगी। पूनावाला ने कहा, 'केंद्र सरकार को देश की जरूरत तथा आसन्न तीसरी और चौथी लहर के लिए टीके का पर्याप्त भंडार बनाने के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। अगर सरकार पहली और दूसरी लहर से सीख लेते हुए सतर्कता बरत रही है तो सही कर रही है।' सीरम अपनी कोविशील्ड उत्पादन क्षमता बढ़ा रही है। अभी इस हर महीने इस टीके की 16 करोड़ खुराक बन रही हैं और अक्टूबर में यह बढ़कर 20 करोड़ खुराक प्रति माह हो सकती है। पूनावाला ने कहा कि नोवावैक्स टीके के उत्पादन धीमा होने का कारण यह नहीं है कि सीरम के पास क्षमता की कमी है बल्कि कच्चे माल की किल्लत के कारण ऐसा हो रहा है। सीरम कच्चे माल की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक आपूर्तिकर्ता तैयार करने पर काम कर रही है। नोवावैक्स टीके का बच्चों पर क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है। पूनावाला ने कहा कि इसमें तीन से चार महीने लग सकते हैं। जनवरी-फरवरी तक कोवोवैक्स (सीरम द्वारा विनिर्मित नोवावैक्स का टीका) बच्चों पर उपयोग के लिए मंजूरी के वास्ते तैयार हो जाएगा।
