एयर कंडिशनर (एसी) और एलईडी लाइट्स जैसे व्हाइट गुड्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत 52 वैश्विक और घरेलू कंपनियों ने आवेदन किया है। इन कंपनियों ने 5,866 करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबद्धता दिखाई है। दाइकिन, हिंडालको, पैनासोनिक, हिताची, मेटुबे, निडेक, वोल्टास, ब्लूस्टार, हैवेल्स, अंबर, ईपैक, टीवीएस-लुकास, डिक्सन, आरके लाइटिंग, यूनीग्लोबस, राधिका ऑप्टो, सिस्का के अलावा अन्य कई कंपनियों ने एयर कंडिशनर्स और एलईडी लाइट्स के अहम पुर्जों के विनिर्माण के लिए आवेदन किए हैं। इस योजना के लिए बजट आवंटन 6,238 करोड़ रुपये है। इस योजना में अगर कोई आवंटन इस्तेमाल नहीं हो पाता है तो उस पर बाद में विचार किया जाएगा। अब तक एसी कंपोनेंट्स के लिए 31 कंपनियों ने 4,995 करोड़ रुपये और 21 कंपनियों ने एलईडी कंपोनेंट के लिए 871 करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबद्धता दिखाई है। यह योजना 4 महीने पहले अधिसूचित की गई थी, जबकि ह्वाइट गुड्स के लिए पीएलआई योजना के तहत आवेदन 15 सितंबर तक लिए जाने थे। डिपार्टमेंट आफ प्रमोशन आफ कंपनीज के अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने कहा कि कंपोनेंट्स के उत्पादन पर प्रोत्साहन के लिए आवेदन किया गया है, जिनका इस समय भारत में पर्याप्त क्षमता में उत्पादन नहीं होता है। एसी के लिए कुछ कंपनियां कंप्रेसर, कॉपर ट्यूबिंग, फॉयल्स के लिए एल्युमीनियम स्टॉक, कंट्रोल, डिस्प्ले यूनिट के अलावा अन्य कंपोनेंट का विनिर्माण करेंगी। इसी तरह से एलईडी लाइट्स के लिए एलईडी चिप पैकेजिंग, एलईडी ड्राइवर्स, एलईडी इंजिन, एलईडी लाइट मैनेजमेंट सिस्टम, वायर वाउंड इंडक्टर्स व अन्य कल पुर्जों का विनिर्माण भारत में किया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'एयर कंडिशनर्स और एलइडी लाइट्स उद्योग के लिए भारत में पूरी तरह से भारत के भीतर बेहतर माहौल बनाने के हिसाब से पीएलआई योजना तैयार की गई है, जिससे कि भारत वैश्विक आपूर्ति शृंखला का अहम हिस्सा बन सके। इस योजना के तहत बढ़ी हुई बिक्री पर 5 साल की अवधि के लिए 4 से 5 प्रतिशत तक प्रोत्साहन दिया गया है।'अग्रवाल ने कहा कि इस योजना के तहत सिर्फ एसी और एलईडी लाइट्स के कंपोनेंट के विनिर्माण को प्रोत्साहन दिया गया है, तैयार सामान को एसंबल करने को प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा। यह योजना वित्त वर्ष 2021-22 से 2028-29 तक लागू की जाएगी। योजना के दिशानिर्देश 4 जून को प्रकाशित किए गए थे। आवेदकों का चयन 15 नवंबर को आवेदन की तिथि खत्म होने के बाद किया जाएगा। बयान में कहा गया है, 'एसी के 90 प्रतिशत बिल आफ मैटेरियल (बीओएम) और एलईडी लाइट्स के 87 प्रतिशत बीओएम को पीएलआई के तहत कवर किया जाएगा। इसकी वजह से देश के भीतर मूल्यवर्धन 20 प्रतिशत से बढ़कर 80-85 प्रतिशत तक हो जाएगा और एसी उद्योग व एलईडी उद्योग के कंपोनेट्स के लिए तेजी से माहौल विकसित होगा।' इस योजना के कारण अगले 5 साल में एसी और एलईडी के 2.71 लाख करोड़ रुपये के करीब के कंपोनेंट के उत्पादन का अनुमान है। इस योजना से अगले 5 साल में 2 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा। घरेलू मूल्यवर्धन मौजूदा 15 से 20 प्रतिशत से बढ़कर 75 से 80 प्रतिशत तक होने की उम्मीद है।
