आवास ऋण के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तेज करते हुए देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 75 लाख रुपये औरे इससे ऊपर के नए आवास ऋण पर ब्याज दर 6.7 प्रतिशत करने की घोषणा की है, जबकि पहले ब्याज दर 7.15 प्रतिशत थी। स्टेट बैंक क्रेडिट स्कोर से जुड़े आवास ऋण की पेशकश 6.70 प्रतिशत की दर से करने की भी घोषणा की है, जिस पर कर्ज की राशि को लेकर कोई सीमा नहीं होगी। साथ ही अब कर्जदाता ने वेतनभोगी और गैर वेतनभोगी उधारी लेने वालों के बीच भेदभाव खत्म कर दिया है। इसलिए अब पेशे से जुड़ा ब्याज प्रीमियम आवास ऋण लेने वालों पर लागू नहीं होगा। इसके पहले गैर वेतनभोगी उधारी लेने वालों को वेतनभोगी की तुलना में 15 आधार अंक ज्यादा ब्याज देना होता था। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदाता बैंक आफ बड़ौदा ने कहा है कि वह आवास ऋण और कार ऋण पर मौजूदा ब्याज दरों में 25 आधार अंक की छूट की पेशकश कर रहा है। इसके साथ ही बैंक होम लोन के प्रॉसेसिंग शुल्क में भी छूट देने की पेशकश कर रहा है। अब नए होम लोन की ब्याज दर 6.75 प्रतिशत और कार लोन की दर 8 प्रतिशत से शुरू होगी। एसबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि सस्ते आवास और छोटे आकार के कर्ज को ध्यान में रखते हुए बैंक बड़े आकार के ऋण (75 लाख रुपये से ऊपर) भी बढ़ाना चाहता है। इन ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर ज्यादा होता है और वे बेहतर सौदे के लिए मोलभाव करने की स्थिति में होंगे। बैंक इस क्षेत्र में कारोबार गंवाना नहीं चाहेगा, चाहे वह नए कर्ज की बात हो या मौजूदा ग्राहकों की। फंड की कम लागत के अलावा शर्तों में भी ढील दी गई है, जिससे बड़े आकार के कर्ज में प्रतिस्पर्धा रहे। एसबीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'जब हमारे सामने चुनौतियां पेश की जाएंगी, बैंक पात्रता के मानकों को कमजोर किए बगैर प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया देगा।' पिछले सप्ताह कोटक महिंद्रा बैंक ने होम लोन की दर 15 आधार अंक (बीपीएस) घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था, जिससे यह दर पिछले एक दशक में देश की सबसे कम ब्याज दर बन गई थी। विशेषज्ञों ने कहा कि हाल में नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं हुई है, लेकिन व्यवस्था में अतिरिक्त नकदी की वजह से सामान्य रूप से दरों में कमी आ रही है। होम लोन सेग्मेंट में एसबीआई बड़ा कारोबारी है, जिसके बुक का आकार 5.05 लाख करोड़ रुपये है। सालाना आधार पर इसके होम लोन बुक में 11 प्रतिशत बढ़ोतरी हो रही है। एसबीआई को उम्मीद है कि उसका होम लोन पोर्टफोलियो वित्त वर्ष 2023-24 (वित्त वर्ष 24) तक बढ़कर 7 लाख करोड़ रुपये को छू जाएगा, जिसमें युवाओं द्वारा अपने जीवन के शुरुआती दिनों में अपना घर खरीद लेने की इच्छा, बढ़ती आमदनी और सरकार की नीतियां, जैसे स्टांप शुल्क में कटौती और सब्सिडी अहम भूमिका निभाएगी। वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में एसबीआई ने कहा था कि एसएमई और होम लोन सेग्मेंट में गिरावट आ रही है। होम लोन बुक में करीब 50 प्रतिशत हिस्सेदारी गैर वेतनभोगी वर्ग की होती है। तमाम एसएमई उधारी लेने वाले भी आवास ऋण लेते हैं। एसएमई में नकदी के प्रवाह में व्यवधान के कारण यह दबाव है और एक बार नकदी प्रवाह बहाल होने पर बैंक को होम लोन लेने वालों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद है। जून तिमाही में होम लोन बुक में इसका सकल एनपीए 1.39 प्रतिशत था।
