आगामी बैठक में जीएसटी परिषद भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विस सेंटर्स अथॉरिटी (आईएफएससीए) जैसी संस्थाओं की ओर से मुहैया कराई जा रही सेवाओं पर अप्रत्यक्ष कर से छूट का अनुरोध खारिज कर सकती है, जिसकी मांग इन वैधानिक निकायों ने की है। केंद्र व राज्यों के अधिकारियों से बनी फिटमेंट समिति ने शुक्रवार को लखनऊ में होने जा रही जीएसटी परिषद की बैठक के पहले इन अनुरोधों को स्वीकार करने के खिलाफ अपनी राय दी है।इसी तरह समिति ने सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (मोस्पी) की मांग को भी खारिज करने की सिफारिश की है, जिसने सार्वजनिक उद्यम एमटीएनएल से कार्यालय के लिए जगह लेने पर जीएसटी से छूट की मांग की थी। उच्च स्तरीय समिति ने कर्नाटक सरकार की भी मांग खारिज कर दी है, जिसमें विधानसभा के सदस्यों व पूर्व सदस्यों को मुहैया कराए जा रहे आवास और सेवाओं पर जीएसटी से छूट की मांग की थी। बहरहाल अधिकारियों की समिति ने फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2021 और एएफसी महिला एशिया कप 2022 को जीएसटी से छूट देने की सिफारिश की है, जिसका आयोजन भारत में होना है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'सीसीआई ने पाया कि अन्य नियामक निकाय जैसे सेबी और आईआरडीएआई को जीएसटी की देनदारी से छूट है। लेकिन उन मामलों में छूट सेवा कर के दौर से ही जारी है। कोई नई छूट नहीं दी गई है।' अधिकारी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले भी यह विचार था कि जो काम सेवा के तहत आते हैं और ऐसी गतिविधियां चलाते हैं, वे सेवा कर के दायरे में आएंगे। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'यह कोई मायने नहीं रखता कि इस तरह की गतिविधियां वैधानिक या अनिवार्य जरूरतों के तहत आती हैं। और यह जारी है।' उन्होंने कहा कि आईएफएससीए का काम आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए और आईआरडीएआई से अलग है। मोस्पी द्वारा एमटीएनएल को किराये के भुगतान पर जीएसटी से छूट मांगे जाने के मसले पर समिति ने कहा है कि किराये पर जगह देने पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है और पीएसयू से सरकार को किराये पर जगह दी जा रही है या निजी मालिक किराये पर जगह दे रहा है, इसे जीएसटी से छूट नहीं मिल सकती। अधिकारी ने कहा, 'किराये पर जगह लेने वाले सभी मंत्रालय जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं।'
