ज़ी एंटरटेनमेंट में बहुलांश हिस्सेदारी रखने वाले संस्थागत निवेशक अब इन्वेस्को फंड के कंपनी के निदेशक मंडल में बदलाव को लेकर ज्यादा स्पष्ट जानकारी की मांग कर रहे हैं और उनका कहना है कि अगर योजना ठीक होगी तभी वे अपना समर्थन देंगे। बड़े निवेशक शीर्ष पदों पर निरंतरता कायम रखने को ही तरजीह देते हैं ताकि कंपनी के परिचालन में कोई बाधा न आए। एक म्युचुअल फंड के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, 'इस पर कुछ कहना काफी जल्दबाजी होगी। हम लोग भी इस मसले पर इन्वेस्को फंड के साथ जा रहे हैं। हम यह भी देखेंगे कि कंपनी का नेतृत्व शीर्ष स्तर पर कौन करेगा अगर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को पद से हटा दिया जाता है। नेतृत्व की भूमिका को लेकर चिंता है क्योंकि यह एक मीडिया कंपनी है न कि कोई विनिर्माण कंपनी।' उन्होंने कहा, 'हम यह मानते हैं कि कंपनी के पास मजबूत बिजनेस मॉडल है और एक बार नए प्रबंधन के आने से शेयरों की दोबारा रेटिंग होगी।' संस्थागत निवेशक इस संघर्ष की चाबी अपने हाथ में रखते हैं क्योंकि ज़ीएल में इनकी हिस्सेदारी 78 फीसदी है। सरकार के स्वामित्व वाली बीमा कंपनियों के पास यह हिस्सेदारी करीब 10 फीसदी है। इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड (पहले इन्वेस्को ओपनहाइमर डेवलङ्क्षपग मार्केट फंड) और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी ने मौजूदा प्रबंध निदेशक और सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने और निदेशक मंडल में नॉमिनी के तौर पर छह निदेशकों की नियुक्ति की मांग की है जिनकी कंपनी में हिस्सेदारी 18 प्रतिशत तक है। दो प्रतिनिधि सलाहकारी कंपनियों, इनगवर्न और आईआईएएस ने प्रवर्तकों से कॉरपोरेट प्रशासन में खामियों की ओर इशारा किया था जिनके पास केवल 4 फीसदी हिस्सेदारी है और वे कंपनी का नेतृत्व कर रही हैं। इन्वेस्को द्वारा निदेशक मंडल में बदलाव की मांग की खबरों की वजह से मंगलवार को ज़ी के शेयरों में 40 फीसदी तक की तेजी आई और बुधवार को इसके शेयर 2 फीसदी गिरकर 256 रुपये प्रति शेयर हो गए। एक संस्थागत निवेशक ने कहा, 'इस बात को लेकर अनिश्चितता बरकरार है कि गोयनका सीईओ बने रहेंगे या नहीं। हमारे विचार से प्रबंध निदेशक के स्तर से नीचे ज़ी में सभी प्रमुख विभागों में एक अच्छी पेशेवर टीम है। अब महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अगर गोयनका ज़ी छोड़ते हैं तो क्या यह टीम बनी रहेगी?' एक निवेशक ने कहा, 'हमारे विचार से गोयनका अच्छे प्रबंध निदेशक रहे हैं और उन्होंने निवेशकों से जुड़ी सभी चिंताओं का समाधान भी किया है। उन्हें एक ऐसे पेशेवर के रूप में देखा गया जिन्होंने घाटा वाले चैनलों मसलन स्पोट्र्स को हटाकर मूल कारोबार पर ध्यान दिया और क्षेत्रीय स्तर पर टीवी चैनलों की शुरुआत की। उन्होंने चैनलों के भविष्य ओटीटी पर भी ध्यान दिया जिसमें कम लागत वाली रणनीति हो सकती है और पेशेवरों को जगह दी।' इस बीच ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयरधारकों ने मंगलवार को हुई सालाना आम बैठक (एजीएम) में सभी प्रस्तावों के पक्ष में मतदान किए। वोटिंग के नतीजों के मुताबिक ऑडिट के नतीजे, लाभांश का भुगतान, स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्तियों से जुड़े प्रस्ताव अपेक्षित बहुमत के साथ पारित किए गए। स्वतंत्र निदेशकों में साशा मीरचंदानी और विवेक मेहरा को शामिल किए जाने का प्रस्ताव भी मंजूर हो गया।
