भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में कश्मीर मुद्दा उठाने पर पाकिस्तान और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बुधवार को आलोचना करते हुए कहा कि ओआईसी ने लाचार होकर खुद पर पाकिस्तान को हावी हो जाने दिया। यूएनएचआरसी के 48 वें सत्र में भारत ने कहा कि पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर एक ऐसा देश करार दिया गया है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों सहित अन्य आतंकवादियों का सरकार की नीति के तहत खुल कर समर्थन करता है, प्रशिक्षण देता है, वित्त पोषण करता है और हथियार मुहैया करता है।
जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन बाधे ने भारत की ओर से यह कहा। उन्होंने पाकिस्तान और ओआईसी द्वारा कश्मीर पर की गई टिप्पणी का जवाब देने के भारत के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा कि उसे (भारत को) पाकिस्तान जैसे 'नाकाम मुल्क' से सबक सीखने की जरूरत नहीं है, जो 'आतंकवाद का केंद्र है और मानविधकारों का घोर हनन करता है।' बाधे ने कहा कि भारत के खिलाफ अपने झूठे और दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार के लिए यूएनएचआरसी के मंच का दुरुपयोग करने की पाकिस्तान की आदत सी हो गई है।
उन्होंने कहा, 'परिषद पाक के कब्जे वाले क्षेत्रों सहित पाकिस्तान के अन्य इलाकों में उसकी सरकार द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों के सर्वाधिक हनन की ओर से ध्यान भटकाने की कोशिशों से वाकिफ है।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जैसे नाकाम मुल्क से विश्व के सबसे बड़े व जीवंत लोकतंत्र भारत को कोई सबक सीखने की जरूरत नहीं है। भारतीय राजनयिक ने कहा कि पाकिस्तान सिख, हिंदू, ईसाई और अहमदिया सहित अपने अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने में नाकाम रहा है। बाधे ने एक बयान में कहा, 'पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले क्षेत्रों में हजारों की संख्या में महिलाओं व लड़कियों का अपहरण किया गया, जबरन शादियां कराई गई और धर्मांतरण कराया गया है।'
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ प्रणालीगत उत्पीडऩ, जबरन धर्मांतरण, लक्षित हमलों, सांप्रदायिक हिंसा और धर्म आधारित भेदभाव करने में संलिप्त रहा है।' बाधे ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के उपासना स्थलों, उनकी सांस्कृतिक धरोहरों व उनकी निजी संपत्ति पर हमलों तथा हिंसा की घटनाएं खुली छूट के साथ हुई हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक समाज संस्थाओं, मानवाधिकार के पैरोकारों, पत्रकारों की असहमति की आवाज सरकार के समर्थन से दबा दी गईं। बाधे ने कहा , 'किसी भी तरह की असहमति की आवाज को दबाने के लिए जबरन लापता करने, न्यायेत्तर हत्याएं, हत्या और अपहरण का सहारा लिया गया। जिस छूट के साथ इन्हें अंजाम दिया गया है वे मानवाधिकारों के प्रति पाकिस्तान की खोखली प्रतिबद्धता को बेनकाब करते हैं।'
उन्होंने परिषद में कश्मीर मुद्दा उठाने को लेकर ओआईसी की भी निंदा करते हुए कहा कि किसी देश के अंदरूनी मामलों में टिप्पणी करने का उसका कोई हक नहीं है। बाधे ने कहा, 'भारत के अभिन्न हिस्से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के बारे में ओआईसी की टिप्पणी को एक बार फिर खारिज करता हूं।' उन्होंने कहा, 'ओआईसी ने लाचार होकर खुद पर पाकिस्तान को हावी हो जाने दिया, जो उसके जिनेवा चैप्टर की अध्यक्षता कर रहा है। यह ओआईसी के सदस्यों को तय करना है कि पाकिस्तान को ऐसा करने की इजाजत देना क्या उनके हित में है।'
Business Standard Private Ltd. Copyright & Disclaimer feedback@business-standard.com
This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768
* Stock quotes delayed by 10 minutes or more. All information provided is on
"as is" basis and for information purposes only. Kindly consult your
financial advisor or stock broker to verify the accuracy and recency of all
the information prior to taking any investment decision.
While due diligence is done and care taken prior to uploading the stock
price data, neither Business Standard Private Limited, www.business-standard.com nor any
independent service provider is/are liable for any information errors,
incompleteness, or delays, or for any actions taken in reliance on
information contained herein.