ज़ी एंटरटेनमेंट का शेयर मंगलवार को बीएसई पर 40 प्रतिशत चढ़कर 261.50 रुपये पर पहुंच गया। इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी द्वारा पुनीत गोयनका को कंपनी के निदेशक (प्रवर्तक) की जिम्मेदारी से हटाने के लिए बुलाई गई शेयरधारकों की बैठक के बाद इस शेयर में यह तेजी देखने को मिली। कंपनी में इन दोनों फंडों की संयुक्त रूप से 17.88 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इन फंडों ने दो गैर-कार्यकारी निदेशकों मनीष चोखानी और अशोक कूरियन को भी हटाए जाने की मांग की थी, जिन्होंने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा निदेशक स्वतंत्र निदेशकों को बोर्ड में शामिल किए जाने की भी बात की गई थी।यह शेयर वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) सेगमेंट में कारोबार करता है, जिसमें कोई सर्किट सीमा नहीं है। प्रसारण कंपनी का शेयर 23 अगस्त को बनाए गए अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर (166.80 रुपये) से 57 प्रतिशत मजबूत हुआ है। मंगलवार की तेजी के बाद, यह अब बेहद मूल्यवान मीडिया शेयर बन गया है। ज़ी समूह के अन्य शेयरों में शामिल, जी लर्न 20 प्रतिशत चढ़कर 15.52 रुपये पर पहुंच गया, जबकि जी मीडिया कॉरपोरेशन 5 प्रतिशत के अपर सर्किट के साथ बीएसई पर 10.44 रुपये पर पहुंचा। हालांकि ये दो शेयर 500-650 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ स्मॉल-कैप श्रेणी में शामिल हैं। वहीं 3,924 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण वाली डिश टीवी का शेयर 10 प्रतिशत तक चढ़ा।आईडीबीआई कैपिटल में शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, 'गोयनका को हटाए जाने का निर्णय सही दिशा में उठाया गया कदम है। इन्वेस्को एक पेशेवर बोर्ड चाहती है जो कंपनी को सही दिशा में आगे ले जा सके। इससे पहले भी नेतृत्व (पुनीत गोयनका और सुभाष चंद्रा) को लेकर समस्याएं सामने आई, जिन पर निवेशकों और बाजार की नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। बाजार ने इस ताजा घटनाक्रम को सकारात्मक तौर पर लिया है।' सोमवार की शाम एक्सचेंजों को भेजे गए बयान में ज़ी एंटरटेनमेंट ने कहा कि इन फंडों ने बोर्ड में अपने स्वयं के नामित 6 सदस्यों को शामिल किए जाने की मांग की थी। प्रवर्तकों, सुभाष चंद्रा परिवार का इस कंपनी में सिर्फ 4 प्रतिशत हिस्सा है और चूक के बाद उसे 13,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के लिए अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में विश्लेषक जयकुमार दोशी का मानना है कि जी बोर्ड तीन सप्ताह के अंदर असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाएगा, जसमें विफलता की स्थिति में निवेशक तीन महीने में ईजीएम कर सकते हैं। परिदृश्य विश्लेषण में दोशी का मानना है कि प्रबंधन में बदलाव के बाद बोर्ड की संरचना में बदलाव आ सकता है। वैकल्पिक तौर पर बोर्ड में बदलाव आ सकता है, लेकिन प्रबंधन बना रह सकता है, या फिर नए निवेशकों के साथ मौजूदा प्रबंधन बरकरार रह सकता है। 250 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ शेयर को 'घटाएं' से 'खरीदें' की रेटिंग देने वाले दोशी ने कहा, 'हम यह जानते हैं कि हैं कि बोर्ड के पुनर्गठन को ईजीएम में पास कराने के लिए बहुमत (51 प्रतिशत वोट) की जरूरत है।' इन बदलावों से प्रशासनिक चिंताएं दूर होने, नकदी सृजन में सुधार और प्रबंधन में संभावित बदलाव आने की संभावना है। दोशी का मानना है कि इससे शेयर की रेटिंग में बदलाव आ सकता है। ज़ी एंटरटेनमेंट की सालाना आम बैठक (एजीएम) मंगलवार को आयोजित की गई थी। बोफा, झुनझुनवाला ने ज़ी के शेयर खरीदेंबोफा सिक्योरिटीज और राकेश झुनझुनवाला के स्वामित्व वाली रेयर एंटरप्राइजेज ने मंगलवार को ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के शेयर खरीदे। बोफा ने 236 रुपये प्रति शेयर के हिसाब 48.6 करोड़ शेयर (0.51 प्रतिशत हिस्सेदारी) 114.9 करोड़ रुपय में खरीदी, जबकि रेयर ने 50 लाख शेयर (0.52 प्रतिशत हिस्सेदारी) 220 रुपये की कीमत के हिसाब से 110.2 करोड़ रुपये में खरीदी। ये दोनों सौदे एनएसई पर हुए, जहां जी के 5,200 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की अदला-बदली हुई। इस शेयर ने दिन के कारोबार में 270.9 रुपये की ऊंचाई को छुआ। जून 2021 की तिमाही के अंत में ज़ी में बोफा की हिस्सेदारी 1.03 प्रतिशत थी।
