आमतौर पर उपभोक्ताओं के आंसू निकालने वाला प्याज इस साल किसानों और कारोबारियों को रुला रहा है। देश में जुलाई से अक्टूबर के बीच खपत के लिए प्याज का भंडारण मई-जून में किया जाता है। आम तौर पर बारिश के दिनों में प्याज के दाम काफी बढ़ जाते हैं मगर इस बार भाव इतने कम हैं कि भंडारण करने वाले किसानों और कारोबारियों को फायदे के बजाय घाटा ही हो रहा है। इस साल अब तक ज्यादातर समय प्याज के दाम किसानों की उत्पादन लागत से भी कम रहे हैं। सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के नासिक जिले के प्याज किसान संतराम डोंगरे ने जुलाई से अक्टूबर के बीच अच्छे दाम मिलने की उम्मीद में करीब 200 टन प्याज गोदाम में रखवाया था। लेकिन इस वक्त दाम उत्पादन और भंडारण की लागत से भी कम हैं, जिससे उन्हें घाटा हो रहा है। डोंगरे कहते हैं कि पहले तो बीज खराब मिलने के कारण 25 से 30 फीसदी प्याज खराब हो गया। उसके बाद भंडारण के समय भाव 12 से 15 रुपये किलो था। इस समय 15 से 16 रुपये किलो ही भाव मिल रहा है, जबकि खराब बीज और भंडारण का खर्च ही 6 से 8 रुपये किलो बैठ रहा है। इस तरह 18 से 22 रुपये किलो भाव मिलने पर ही किसानों की लागत निकल पाएगी। भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे कहते हैं कि किसानों को इस साल ज्यादातर समय प्याज का भाव 12 से 19 रुपये किलो ही मिला है, जबकि उन्हें फायदा 22 से 25 रुपये किलो भाव मिलने पर ही होगा। भंडारण करने वाले किसानों को भी 5 से 6 रुपये किलो का घाटा हो रहा है। गाढवे कहते हैं कि भंडारण वाले प्याज में नमी ज्यादा होने से यह खराब हो रहा है, जिससे किसान इसे भंडारघरों से जल्दी निकाल रहे हैं। इससे आगे भी प्याज के दाम बहुत अधिक बढऩे की संभावना नहीं है। अगले महीने महाराष्ट्र से प्याज की नई फसल भी आने वाली है। दिल्ली की आजादपुर मंडी के आलू-प्याज कारोबारी संघ के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दो साल से प्याज के भंडारण पर किसान व कारोबारियों को खूब लाभ हो रहा था। लेकिन इस साल दाम नहीं बढऩे से कारोबारियों को प्याज का भंडारण करने पर नुकसान उठाना पडा है। इस साल 262.29 लाख टन प्याज पैदा होने का अनुमान है। पिछले साल उत्पादन 260.90 लाख टन था। देश में मई व जून महीने में प्याज का भंडारण जुलाई से अक्टूबर के दौरान खपत के लिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में किया जाता है। भंडारण रबी सीजन के प्याज का होता है। कुल उत्पादन में इस सीजन की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी है। इन दिनों महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज 400 से 1,400 रुपये और दिल्ली में 1,200 से 1,900 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। महीने भर में दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल गिर चुके हैं।
