सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र इस साल विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए बेहद पसंदीदा दांव साबित हुआ है। इस साल आईटी क्षेत्र के लिए उनका निवेश आवंटन 129 आधार अंक तक बढ़कर अगस्त के अंत में 14.67 प्रतिशत पर पहुंच गया था। दूसरी तरफ, उन्होंने पारंपरिक तौर पर पसंदीदा समझे जाने वाले बैंकिंग और वित्तीय शेयरों में अपना निवेश घटाया। आईआईएफएल अल्टरनेटिव रिसर्च द्वारा जुटाए गए आंकड़े से पता चलता है कि अगस्त तक, इस क्षेत्र के लिए उनका निवेश 305 आधार अंक तक घटकर 31.8 प्रतिशत रह गया। ऊंचे निवेश आवंटन से आईटी क्षेत्र के शेयरों और मूल्यांकन में तेजी आई और एनएसई आईटी सूचकांक में इस साल अब तक 45 प्रतिशत की तेजी आई है। तुलनात्मक तौर पर सेंसेक्स इस साल में अब तक (वाईटीडी) आधार पर 22 प्रतिशत चढ़ा है।जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषकों माणिक तनेजा और केजी विष्णु का कहना है, 'पिछले कुछ महीनों में भारतीय आईटी क्षेत्र में मजबूत कीमत वृद्घि ने तेजडिय़ों को चकित किया है। शेयर ऊंचे मल्टीपल पर कारोबार कर रहे हैं। कुछ मामलों में, पांच वर्ष से ज्यादा ऊंचाई का मतलब प्लस-3 स्टैंडर्ड डेविएशन है।' तेजी की धारणा को मजबूती प्रदान करने वाले मुख्य वाहक हैं महामारी के बाद आईटी खर्च में तेजी और मजबूत मार्जिन। दो विश्लेषकों का कहना है, 'हमारा लगातार यह मानना है कि यह क्षेत्र 2004-07 के दौरान दर्ज किए गए चरण की दिशा में बढ़ रहा है, जब उसे बिक्री और मूल्य निर्धारण लाभ दोनों से मदद मिली थी और कंपनियां आपूर्ति संबंधित चुनौतियों के बावजूद मार्जिन बचाने में सक्षम हैं। हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही का आय सीजन अल्पावधि/ मध्यावधि के दौरान लगातार राजस्व वृद्घि पर भरोसा मुहैया कराएगा।'बाजार का मानना है कि आईटी सेक्टर वित्त वर्ष 2022 में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की आय वृद्घि और वित्त वर्ष 2023 में 18 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज करेगा। हाल में भारतीय आईटी सम्मेलन का आयोजन करने वाली विदेशी ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का कहना है कि वृद्घि का परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है। इससे वृद्घि के अनुमानों को पूरा करने में मदद मिल सकती है। उसका कहना है, 'कुल मिलाकर, मांग से संबंधित प्रतिक्रिया सकारात्मक और सभी कंपनियां अगले तीन से पांच साल में तेज वृद्घि की उम्मीद कर रही हैं। सौदा प्रवाह मध्यम आकार के अनुबंधों की मदद से सर्वाधिक ऊंचाई पर बना हुआ है। ज्यादातर बड़े सौदे 2022/23 में होने की संभावना है। कई कंपनियों को अगली दो-तीन तिमाहियों के दारान आपूर्ति दबाव बने रहने की आशंका है जिससे मार्जिन को लेकर अनिश्चितता बढ़ रही है।'फिलिप कैपिटल ने पिछले सप्ताह जारी अपनी रिपोर्ट में आईटी क्षेत्र पर सकारात्मक बने रहने के कई कारण बताए। इनमें वैश्विक बाजार भागदारी में वृद्घि, गार्टनर द्वारा सकारात्मक नजरिया, मजबूत सौदा प्रवाह, मूल्य निर्धारण क्षमता, यूरोपीय बाजार में अवसर, और आपूर्ति संबंधित दबाव में कमी आना आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।
