केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि महामारी से पैदा कुछ मौकों का लाभ उठाने के लिए सरकार और भारतीय कंपनियों के बीच भरोसा जरूरी है। यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी से पैदा मौकों को भुनाने और भारत को एक पीढ़ी आगे ले जाने के लिए भरोसा होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह भरोसा सरकार के कामकाज में भी दिखता है। पिछले दिनों केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक सहयोगी संगठन ने दो बड़ी कंपनियों पर विवादास्पद टिप्पणी कर दी थीं, जिसके बाद कारोबारी समुदाय उनसे खफा है। इस आक्रोश के बीच सीतारमण ने भरोसे की बात पर जोर दिया है।भाजपा के वैचारिक जनक कहलाने वाले संगठन ने नए ई-फाइलिंग पोर्टल में तकनीकी खामियों के लिए इन्फोसिस को राष्ट्र-विरोधी करार दिया था। यह पोर्टल जून की शुरुआत में चालू हुआ था। इससे पहले केंद्र ने पोर्टल में लगातार खामियों पर सफाई मांगने के लिए इन्फोसिस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी सलिल पारेख को तलब करने की घोषणा सोशल मीडिया (ट्विटर) पर की थी। उधर अगस्त में गोयल ने 150 साल पुराने टाटा समूह की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय उद्योग की कारोबारी गतिविधियां राष्ट्रहित के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि टाटा संस ने सरकार द्वारा बनाए गे ई-कॉमर्स नियमों का विरोध किया। गोयल ने कहा कि देसी उद्यमों को केवल मुनाफे का ही नहीं सोचना चाहिए। मगर वित्त मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान उद्योग को लगातार अपनी राय देने और सुझाव देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जब महामारी आई तो उद्योग के साथ लगातार बातचीत से सरकार बहुत से कदम उठाने में सफल रही। महामारी से निपटने की सरकार की रणनीति के बारे में उन्होंने कहा कि टीकाकरण बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, जो महामारी से सबसे बड़ी सुरक्षा है। साथ ही सरकार निजी क्षेत्र को मदद देकर मझोले और छोटे शहरों समेत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर काम कर रही है। देश में अब तक करीब 74.38 करोड़ लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है। सीतारमण ने भारतीय कंपनियों को यह भरोसा भी दिलाया कि 'नकदी अब बड़ी चिंता नहीं है और बैंक, एनबीएफसी (गैर बैंकिग वित्तीय कंपनी) एवं एमएफआई (सूक्ष्म वित्त) चैनल में अवरोध हट गए हैं तथा 15 अक्टूबर से जरूरतमंदों को कर्ज दिलाने का विशेष अभियान चलाया जाएगा।' इस कदम से त्योहारी सीजन के दौरान आर्थिक सुधार को प्रोत्साहन मिलेगा और निर्यात जैसे क्षेत्रों को कर्ज की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
