कोविड-19 के बाद बिगड़े हालात अब धीरे-धीरे सुधरने के बीच कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को कार्यालय बुलाने की सुगबुगाहट तेज कर दी है। सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो के चेयरमैन रिषद प्रेमजी ने आज ट्विटर पर लिखा कि कंपनी के 'लीडर' (वरिष्ठï कर्मचारी) सोमवार से कार्यालय आना शुरू कर देंगे। प्रेमजी ने ट्वीट किया, '18 महीनों के लंबे अंतराल के बाद हमारे लीडर सोमवार से कार्यालय आना शुरू कर देंगे। इन सभी लोगों ने कोविड-19 से बचाव के टीके की दोनों खुराक ले ली हैं और अब वे कार्यालय आने के लिए तैयार हैं।' कोविड-19 संक्रमण फैलने के डेढ़ वर्षों बाद देश की कंपनियां अपने कर्मचारियों को दोबारा दफ्तर बुलाने के इंतजाम में जुट गई हैं। हालांकि यह काम चरणबद्ध तरीके से हो रहा है और कई कंपनियां तो इस वर्ष के अंत में कर्मचारियों को वापस बुलाने पर कोई अंतिम निर्णय लेंगी। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक अमेरिका में अपनी नीति से अलग अगले महीने से चरणबद्ध रूप में कर्मचारियों को दफ्तर बुलाने की योजना तैयार कर रही है। अमेरिका में कर्मचारियों को दफ्तर बुलाने के संबंध में कंपनी अगले वर्ष जनवरी में निर्णय लेगी। इस बारे में कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हमारे कर्मचारी फिलहाल घर से ही काम कर रहे हैं। मगर अक्टूबर की शुरुआत से गुडग़ांव कार्यालय में कर्मचारियों को आने का विकल्प दिया जाएगा। हालांकि शुरू में उनकी उपस्थिति 25 प्रतिशत तक ही सीमित रहेगी।'ऑनलाइन माध्यम से कैब सेवा देने वाली कंपनी उबर इंडिया अगले वर्ष 10 जनवरी से एक नई रणनीति पर अमल करेगी जिसके तहत कर्मचारियों को घर और दफ्तर दोनों जगहों से काम करने की छूट होगी। इस बारे में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'हम कर्मचारियों को महीने में कम से कम आधा समय दफ्तरों में बिताने के लिए कह रहे हैं। हमारे कर्मचारी अपनी पसंदीदा जगह से काम काम करने का विकल्प चुन सकते हैं। वे हमारे प्रमुख केंद्रों में किसी भी स्थान का चयन कर वहां से अपनी सेवाएं दे सकते हैं।' इस तरह, कर्मचारी एक सप्ताह तीन दिन और दूसरे सप्ताह दो दिन या एक सप्ताह पांच दिन तक काम करने के बाद अगले सप्ताह घर से काम कर सकते हैं। महीने के बाकी बचे दिनों में वे घर से या कहीं से भी काम कर सकते हैं। दक्षिण कोरिया की कंपनी सैसमंग इलेक्ट्रॉनिक्स का कहना है कि उसने अपने बड़े कॉर्पोरेट दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 33 प्रतिशत कर दी है। सुरक्षा के लिहाज से कर्मचारियों के दफ्तर आने की योजना दो सप्ताह पहले ही तैयार हो जाती है मगर उन्हें हरेक बार कार्यालय आने से पहले अनिवार्य रूप से ऐंटीजन टेस्ट कराना होगा। तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल ने अमेरिका में कर्मचारियों के लिए वर्क लोकेशन टूल की शुरुआत की थी। इस नई व्यवस्था के तहत घर से काम करने वाले कर्मचारियों को कार्य करने की जगह के आधार पर अपने वेतन में कटौती का निर्धारण करने की अनुमति दी गई थी। इस नई व्यवस्था के लिए गूगल चर्चा में रही है। सूत्रों का कहना है कि इस कदम से कंपनी के कई कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत तक कटौती हो सकती है और ऐसी चर्चा है कि भारत में भी यह व्यवस्था लागू की जा सकती है। हालांकि गूगल इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 'अमेरिका से बाहर सभी देशों में इस समय एक वेतन श्रेणी है। लिहाजा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कर्मचारी कार्यालय से काम कर रहे हैं या घर से।'लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों से घर से ही काम कराने की हिमायती रहीं भारतीय आईटी कंपनियां भी कर्मचारियों को दफ्तर बुलाने की रणनीति तैयार कर रही हैं। टीसीएस के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथ ने कुछ दिन पहले कहा था कि इस वर्ष के अंत तक कंपनी अपने 75 प्रतिशत कर्मचारियों को कार्यालय बुला सकती है। गोपीनाथन ने उम्मीद जताई कि इस वर्ष के अंत तक उनके ज्यादातर कर्मचारी कोविड टीके की दोनों खुराक ले लेंगे। टेक महिंद्रा में विपणान प्रमुख हर्षवद्र्धन सोइन का कहना है कि उनके 80 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी टीके लगवा चुके हैं। सोइन कहते हैं, 'इनमें केवल 20 प्रतिशत लोग कार्यालय से काम कर रहे हैं। दिसंबर 2021 तक सभी कर्मचारियों को अपनी सुविधानुसार काम करने की जगह चुनने के लिए कहा गया है।'एचसीएल टेक्नोलॉजीज भी धीरे-धीरे कर्मचारियों को दफ्तर बुलाना शुरू करेगी। इस बारे में कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम कर्मचाारियों के काम के अनुसार उन्हें सप्ताह में एक या दो दिन दफ्तर बुलाएंगे। वैसे हम चाहते हैं कि हमारे कर्मचारी दफ्तर लौट आएं मगर फि लहाल हम उन पर किसी तरह का दबाव नहीं डालना चाहते हैं।' घरेलू कंपनियां और विनिर्माण खंड में लगी इकाइयां भी टीका लगवा चुके अपने कर्मचारियों को अब कार्यालय बुलाना चाह रही हैं। जेएसडब्ल्यू के मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में स्थित कार्यालय में टीके की दोनों खुराक लगवा चुके कर्मचारियों को 1 सितंबर से कार्यालय आने के लिए कहा गया जा चुका है। स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया ने कहा कि उनके ज्यादातर कर्मचरियों ने दफ्तर आना शुरू कर दिया है। कंपनी ने कहा कि जो कर्मचारी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं उन्हें फिलहाल दफ्तर आने की जरूरत नहीं है।मुंबई में बिड़ला मुख्यालयों में शीर्ष प्रबंधन तो पहले से ही दफ्तर से काम संभाल चुका है और दोनों खुराक लगवा चुके कर्मचारी अलग-अलग समूह में आ रहे हैं। आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला को लगता है कि ज्यादातर संगठन महामारी कमजोर पडऩे के बाद मोटे तौर पर कोविड से पूर्व की कार्य संस्कृति अपना लेंगे। टाटा स्टील ने एक लचीली कार्य व्यवस्था अपनाई है जिसके तहत सभी प्रबंधकों को घर से काम करने की इजाजत दी गई है और जरूरत पडऩे पर ही कार्यालय आने के लिए कहा गया है। इस बारे में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'कोविड-19 महामारी के बीच नई कार्य शैली अपनाने के लिए कर्मचारियों की सुविधा के अनुसार नई कार्य नीति लाई गई है। हम इस नई कार्य पद्धति को स्थायित्व देना चाहते हैं।'(साथ में ईशिता आयात दत्त और शाइन जैकब)
