केंद्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में 20 फीसदी तक विदेशी संस्थागत निवेश को अनुमति देने के बारे में सोच रही है। एक सरकारी सूत्र के हवाले से रॉयटर्स ने बुधवार को बताया कि एलआईसी अधिनियम में विदेशी निवेश का कोई प्रावधान नहीं होने से आईपीओ के समय नियमों को बाजार नियामक सेबी के मानकों के अनुरूप समायोजित करने की जरूरत पड़ेगी। सेबी नियमों के मुताबिक सार्वजनिक निर्गम में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) को शेयर खरीद की अनुमति होती है। सरकार ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के मेगा आईपीओ के प्रबंधन के लिए गोल्डमैन सैक्स इंडिया सिक्योरिटीज, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया और नोमुरा फाइनैंशियल एडवाइजरी ऐंड सिक्योरिटीज इंडिया समेत 10 मर्चेंट बैंकरों को नियुक्त किया है। एलआईसी का शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा जिसमें सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री से करीब 90,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की संभावना है।निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'सरकार ने एलआईसी के आईपीओ के लिए प्रमुख प्रबंधकों एवं कुछ सलाहकारों का चयन कर लिया है।' एलआईसी में हिस्सा बिक्री के लिए एक कानूनी सलाहकार की नियुक्ति प्रक्रिया भी जारी है।
