उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड से लेकर राजधानी लखनऊ, कानपुर और अलीगढ़ तक बन रहे रक्षा गलियारे में भारतीय सेना के लिए टैंक, मिसाइलों, ड्रोन विमान के अलावा छोटे हथियार भी बनाए जाएंगे।रक्षा गलियारे में एसॉल्ट- स्नाइपर राइफल और सीक्यूबी कार्बाइन के कारतूस जैसे स्माल आर्म्स बनाने के लिए दो कंपनियां 215 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं। यह सभी हथियार रक्षा गलियारे के झांसी नोड में बनाए जाएंगे। झांसी नोड में ही पॉलीमर फ्रेम पिस्टल के फ्रेम एवं सुरक्षा उपकरण आदि बनाए जाएंगे। इन हथियारों के निर्माण के लिए रक्षा गलियारे में डेल्टा कॉ बैट सिस्ट स लिमिटेड (डेल्टा) और वेरी विन डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड 215 करोड़ रुपये का निवेश कर अपनी ईकाई लगा रही हैं। सेना के लिए स्माल आर्म्स बनाने वाली कंपनियों को जमीन देने से साथ ही यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल के लखनऊ नोड में और ड्रोन का निर्माण करने के लिए अलीगढ़ नोड में सरकार ने जमीन आवंटित की है। जल्दी ही डिफेंस कॉरिडोर में आवंटित की गई जमीनों पर निर्माण कार्य शुरू होगा।रक्षा गलियारे की नोडल एजेंसी यूपी इंडस्ट्रियल एंड एक्सप्रेस वेज अथारिटी (यूपीडा) के अधिकारियों के मुताबिक सेना के लिए स्माल आर्म्स बनाने के लिए झांसी नोड में डेल्टा कॉ बैट सिस्ट स लिमिटेड (डेल्टा) 150 करोड़ रुपए का निवेश कर रही हैं। इस कंपनी को 15 हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी गई है। ये कंपनी सेना द्वारा प्रयोग में लायी जा रही एसाल्ट राइफल, स्नाइपर राइफल, इंसास वो राइफल, सीक्यूबी कार्बाइन के कारतूस सहित अन्य शस्त्रों के कारतूस बनाएगी। सीक्यूबी कार्बाइन सेना और सुरक्षाबलों के लिए भी बहुत मुफीद है। यह 200 मीटर तक मार कर सकती है। इंसास वो राइफल है जिसका प्रयोग सेना के साथ ही साथ दूसरे सशस्त्र बल भी करते हैं। इस राइफल को एके-47 की तर्ज पर बनाया गया है। इसे भारत में ही तैयार किया जाता है। कारगिल वॉर में इसका जमकर प्रयोग हुआ। एसॉल्ट राइफल और स्नाइपर राइफल सेना के लिए बेहद अहम शस्त्र हैं। इनके लिए कारतूस का निर्माण अब उत्तर प्रदेश के रक्षा गलियारे में होगा। जबकि झांसी नोड में पॉलीमर फ्रेम पिस्टल के फ्रेम एवं सुरक्षा उपकरण आदि बनाए जाएंगे।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2018 में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान उत्तर प्रदेश में रक्षा गलियारा बनाने की घोषणा की थी। जिसके तहत प्रदेश सरकार ने लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट, झांसी, आगरा, और अलीगढ़ नोड में कॉरिडोर स्थापित करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद फरवरी 2020 को लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो के दौरान रक्षा उत्पाद से जुड़ी देशी और विदेशी कंपनियों ने कॉरिडोर में निवेश के लिए 50 हजार करोड़ के एमओयू किए थे। सबसे अधिक एमओयू अलीगढ़ में खैर रोड पर अंडला में बनाए जा रहे कॉरिडोर के लिए हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक अलीगढ़ नोड में फैक्ट्री लगाने के लिए 29 कंपनियों ने अपने प्रस्ताव सरकार को सौंपे और जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। इसी प्रकार लखनऊ नोड में 11, झांसी नोड में छह, कानपुर नोड में आठ कंपनियों ने फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। यूपीडा ने विभिन्न कंपनियों से मिले प्रस्तावों पर कार्रवाई करते हुए अलीगढ़ नोड में 19 वि यात कंपनियों को अब तक 55.40 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है। यह 19 कंपनियां अलीगढ़ नोड में 1245.75 करोड़ रुपए का निवेश कर रक्षा संबंधी उपकरण आदि बनाएंगी। इसके तहत ही एलन एंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड और एंकोर रिसर्च लैब एलएलपी कंपनी ने ड्रोन बनाने के लिए निवेश किया है। एलन एंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड ने अलीगढ़ नोड में ड्रोन बनाने के लिए 30.75 करोड़ रुपए का निवेश किया है जबकि एंकोर रिसर्च लैब एलएलपी कंपनी को 10 हेक्टेयर और एलन एंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड को अलीगढ़ मोड़ में भूमि आवंटित गई है, ये कंपनी 550 करोड़ रुपए का निवेश कर ड्रोन बनाएंगी।
