सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में स्थित इकाइयों को देश में इन क्षेत्रों के बाहर वस्तुओं की बिक्री की अनुमति देने पर विचार कर रही है। ऐसा करने पर कंपनियां देश के भीतर रियायती शुल्क पर वस्तुओं की बिक्री कर सकेंगी। इसका मकसद इन कंपनियों की क्षमता का पूरा इस्तेमाल करने में मदद करना है। ईओयू के लिए निर्यात संवर्धन परिषद और एसईजेड के नव नियुक्त चेयरमैन भुवनेश सेठ ने कहा, 'एसईजेड में स्थित इकाइयों को शुल्क छूट के आधार पर (कच्चे माल पर) घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) में वस्तुओं की बिक्री को अनुमति देने को लेकर फैसला जल्द हो सकता है, जबकि अभी पूर्ण सीमा शुल्क पर यह व्यवस्था है।' इस मसले पर परिषद ने वाणिज्य मंत्रालय के साथ हाल में एक बैठक की थी।
इस प्रोत्साहन के बाद एसईजेड में स्थित विनिर्माता अपनी क्षमता का इस्तेमाल उत्पादन बढ़ाने में कर सकेंगे। देश के भीतर एसईजेड ऐसे क्षेत्र होते हैं, जहां अलग आर्थिक नियम लागू होते हैं और उन्हें विदेशी क्षेत्र की तरह माना जाता है। यहां न सिर्फ विदेशी निवेश आता है, बल्कि ये निर्यात के बड़े केंद्र भी होते हैं। इस तरह के क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियां सरकार से कर छूट पाती हैं। साथ ही जब वस्तुओं का निर्यात किया जाता है, इन क्षेत्रों के बाहर नहीं बेचा जाता है, तो उन्हें कम शुल्क देना पड़ता है।
इस समय अगर एसईजेड की इकाइयां इस क्षेत्र के बाहर अपने उत्पाद की बिक्री करती हैं तो उन्हें पूर्ण सीमा शुल्क का भुगतान करना पड़ता है, जिन्हें डीटीए के रूप में जाना जाता है। परिषद ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह डीटीए क्षेत्र में वस्तुओं की बिक्री की अनुमति दे, शुल्क सिर्फ कच्चे माल की लागत के आधार पर लिया जाए और इसमें भारत में किया गया मूल्यवर्धन शामिल नहीं हो। इसके पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा था कि सरकार एसईजेड व्यवस्था को आगे और सरल करने पर विचार कर रही है।
सेठ ने यह भी कहा कि सरकार को एसईजेड में बुनियादी ढांचे में सुधार करने और पूरी प्रक्रिया को कारोबार के मित्रवत बनाने की जरूरत है। इसके साथ ही एसईजेड को बुनियादी ढांचा घोषित किया जाना चाहिए, जिससे बैंकों से मिलने वाले कर्ज में प्राथमिकता मिल सके। इसके अलावा एजईजेड से बंदरगाहों तक कनेक्टिविटी में भी सुधार किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, 'एसईजेड और ईओयू को निर्यात उत्पादों पर शुल्क और कर से छूट (आरओडीटीईपी) योजना के तहत लाने का भी प्रस्ताव भेजा गया है। वाणिज्य विभाग ने आश्वस्त किया है कि एसईजेड से निर्यात की दरों को अंतिम रूप देने के लिए समिति गठित की जाएगी।'
निर्यात में रिकवरी
सेठ ने आगे कहा कि निर्यात बाजार में रिकवरी हो रही है और एसईजेड से निर्यात बढ़ रहा है। अप्रैल जून के दौरान एसईजेड से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात 91 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि सेवाओं का निर्यात 8 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल एसईजेड से निर्यात निश्चित रूप से कोविड के पहले के 2019-20 के 7.84 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर जाएंगे। हम करीब 8 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।'
इसके पहले के वित्त वर्ष के दौरान एसईजेड से कुल निर्यात 7.55 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें पहले की समान अवधि की तुलना में 4 प्रतिशत की कमी आई थी। वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात पांचवां हिस्सा गिरकर 2.46 लाख करोड़ रुपये हो गया था, जबकि सेवा का निर्यात 8 प्रतिशत बढ़कर 5.09 लाख करोड़ रुपये था।
Business Standard Private Ltd. Copyright & Disclaimer feedback@business-standard.com
This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768
* Stock quotes delayed by 10 minutes or more. All information provided is on
"as is" basis and for information purposes only. Kindly consult your
financial advisor or stock broker to verify the accuracy and recency of all
the information prior to taking any investment decision.
While due diligence is done and care taken prior to uploading the stock
price data, neither Business Standard Private Limited, www.business-standard.com nor any
independent service provider is/are liable for any information errors,
incompleteness, or delays, or for any actions taken in reliance on
information contained herein.