दुनिया की प्रमुख पेशेवर सेवा कंपनी एऑन पीएलसी ने भारत में अगले साल ज्यादा वेतन वृद्घि का अनुमान जताया है। उसने अपने हालिया सर्वेक्षण में रोजगार बाजार में सुधार का संकेत देते हुए 2022 में 9.4 फीसदी औसत सालाना वेतन वृद्घि की संभावना बताई है। 2021 में औसत वेतन वृद्घि का आंकड़ा 8.8 फीसदी ही रहा था। इस सर्वेक्षण में 39 क्षेत्रों की 1,300 कंपनियों को शामिल किया गया। इसमें पता चला कि ज्यादा कंपनियां वेतन बढ़ाना चाहती हैं और ऐसी कंपनियों की संख्या घटी है, जो वेतन बढ़ाने को तैयार नहीं हैं।एऑन ह्यूमन कैपिटल बिजनेस में पार्टनर रूपंक चौधरी ने सर्वेक्षण के नतीजों पर बातचीत करते हुए कहा कि वर्ष 2021 में करीब 37 फीसदी कंपनियां 8 से 10 फीसदी वेतन बढ़ाना चाहती थीं, लेकिन 2022 में करीब 43 फीसदी कंपनियां इतना वेतन बढ़ा सकती हैं। इसी तरह 2021 में 10 फीसदी वेतन बढ़ाने वाली कंपनियां 20.4 फीसदी थीं, लेकिन 2022 में 24.7 फीसदी कंपनियों के इतना वेतन बढ़ाने का अनुमान है। 2021 में कोई वेतन नहीं बढ़ाने वाली कंपनियां 2.5 फीसदी और शून्य से पांच फीसदी तक बढ़ाने वाली कंपनियां 7.3 फीसदी थीं। लेकिन 2022 में कोई वेतन नहीं बढ़ाने वाली कंपनियां 1.1 फीसदी और शून्य से पांच फीसदी तक बढ़ोतरी करने वाली कंपनियां 4.5 फीसदी ही रहने का अनुमान है। 2022 में केवल 26.7 फीसदी कंपनियों के ही 5 से 8 फीसदी वेतन बढ़ाने का अनुमान है, जबकि 2021 में 33 फीसदी कंपनियों ने इतनी वेतन वृद्धि की थी। वर्ष 2022 में तीन क्षेत्रों- प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स और आईटी एनेबल्ड सर्विसेज के सबसे ज्यादा वेतन बढ़ाने के आसार हैं। जिन क्षेत्रों के 2022 में सबसे कम वेतन बढऩे के आसार हैं, उनमें आतिथ्य, इंजीनियरिंग सेवाएं और ऊर्जा शामिल हैं। हाई-टेक और आईटी क्षेत्र के 2022 मेंं 11.2 फीसदी वेतन वृद्धि के आसार हैं। इसके बाद पेशेवर सेवा क्षेत्र में 10.6 फीसदी, ई-कॉमर्स में 10.6 फीसदी, आईटीईएस में 9.6 फीसदी और लाइफसाइंसेज एवं फार्मा में 9.3 फीसदी और सीमेंट, ऊर्जा एवं इंजीनियरिंग डिजाइन में 7.8-7.7 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। चौधरी ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर से देश बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद भारतीय संगठनों ने इस मुश्किल दौर से बाहर निकलने की क्षमता दिखाई है। हालांकि भारत में महामारी का जोखिम अब भी है, लेकिन कारोबारी रुझान और 2022 के लिए वेतन के अनुमानों से पता चलता है कि नियोक्ता वृद्धि की तैयारी कर रहे हैं और 2020 की तुलना में वे ज्यादा तैयार हैं।उन्होंने कहा, 'भारत में परंपरागत और गैर-परंपरागत क्षेत्रों समेत ज्यादातर संगठन वृद्धि के रुझान को बनाए रखने और अपने उद्योगों में बदलाव लाने के लिए डिजिटल में निवेश कर रहे हैं। वर्ष 2021 में डिजिटल एवं तकनीकी कौशल वाले कर्मचारी सबसे ज्यादा सफल रहे हैं क्योंकि सभी क्षेत्रों में इन कौशलों वाले कर्मचारियों के वेतन में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। हमारा अनुमान है कि यह रुझान आगे और मजबूत होगा क्योंकि संगठनों को अपने कारोबारी मॉडल को बदलने के लिए ऐसी प्रतिभाओं की ज्यादा जरूरत है।'
