अब सरकार घरों में इस्तेमाल होने वाली तरलीकृत पेट्रोलियम गैस यानी रसोई गैस (एलपीजी) पर नहीं के बराबर सब्सिडी दे रही है, इसलिए निजी उद्यमी अपने घरेलू एलपीजी कारोबार को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। इससे रिलायंस गैस, गोगैस और प्योरगैस जैसी कंपनियों के लिए संभावनाएं ज्यादा बढ़ गई हैं, जो पहले ही इस कारोबार में मौजूद हैं। ये निजी कंपनियां व्यावसायिक एलपीजी पर ज्यादा ध्यान दे रही थीं क्योंकि उन्हें रसोई गैस सब्सिडी नहीं मिलती थी। यह सब्सिडी केवल सरकार के स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों को मिलती थी। एलपीजी की वैश्विक कीमतें घटने और मई 2020 में सरकार द्वारा चुपके से रसोई गैस सब्सिडी खत्म किए जाने से निजी उद्यमियों के लिए घरेलू बाजार में मौके बढ़े हैं। एलपीजी की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बावजूद सरकार ने इस पर सब्सिडी बहाल नहीं की है। राष्ट्रीय राजधानी में 14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलिंडर की लागत 884.50 रुपये आ रही है। पिछली सरकारों ने एलपीजी की कीमतों को 500 रुपये प्रति सिलिंडर से नीचे रखने की कोशिश की थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसकी कीमतें पूरी तरह बाजार के हवाले कर दी हैं। इससे रिलायंस गैस जैसी कंपनियों को घरेलू एलपीजी कारोबार में आक्रामक तरीके से उतरने में मदद मिल सकती है क्योंकि वह एलपीजी की प्रतिस्पर्धी कीमतें तय कर सकती है। रिलायंस गैस मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की ही इकाई है। रिलायंस गैस महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में घरेलू कनेक्शन देती है। इन क्षेत्रों में एलपीजी की आपूर्ति मुख्य रूप से आरआईएल की जामनगर रिफाइनरी से की जाती है। अहमदाबाद में रिलायंस गैस के 15 किलोग्राम के घरेलू सिलिंडर की कीमत 1,200 रुपये है यानी 80 रुपये प्रति किलोग्राम। एजिस लॉजिस्टिक की कंपनी प्योरगैस के डीलर 15 किलोग्राम का घरेलू एलपीजी सिलिंडर करीब 1,300 रुपये में बेचते हैं यानी 87 रुपये प्रति किलोग्राम। कॉन्फिडेंस पेट्रोलियम की इकाई गोगैस 15 किलोग्राम का एलपीजी सिलिंडर 1,200 रुपये में बेचती है यानी 80 रुपये प्रति किलोग्राम। इसकी तुलना में सरकारी कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलिंडर की कीमत 891.50 रुपये है यानी 63 रुपये प्रति किलोग्राम। इन निजी कंपनियों का कहना है कि वे त्वरित सेवाएं देती हैं और महज 48 घंटे में नया कनेक्शन दे देती हैं। निजी कंपनियों के ज्यादातर डीलर किसी शहर में आने वाले नए लोगों को लुभाने के लिए मामूली कागजी कार्रवाई कर तत्काल सिलिंडर दे देते हैं। सरकारी कंपनी से एलपीजी कनेक्शन पाने में कई दिन और कभी-कभी कई हफ्ते भी लग जाते हैं।इंडेन गैस एजेंसी (इंडियन ऑयल की इकाई) के एक एलपीजी डीलर ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'पीएसयू घरों में एलपीजी कनेक्शन देते समय काफी ज्यादा जांच-पड़ताल की जाती है ताकि सब्सिडी की चोरी कम की जा सके। सब्सिडी ज्यादातर खत्म कर दी गई है, लेकिन जांच-पड़ताल अब भी बरकरार है।'
