साइबर अपराध और डेटा चोरी की घटनाएं भले ही लगातार बढ़ रही हैं लेकिन देश के लोग पासवर्ड, वित्तीय ब्योरा, आधार नंबर अपने मोबाइल, कंंप्यूटर, या ईमेल में रख रहे हैं। कम्युनिटी सोशल मीडिया मंच लोकल सर्कल्स के हाल के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। इस सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले करीब 24,000 लोगों में से 33 फीसदी लोगों ने बताया कि वे बैंक खाता, डेबिट या क्रेडिट कार्ड, एटीएम पासवर्ड, आधार नंबर या पैन नंबर अपने मोबाइल, कंप्यूटर या ईमेल में रखते हैं। लोकलसर्कल्स ने इस तरह के सर्वेक्षण की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा, 'इस तरह की महत्त्वपूर्ण जानकारियों को इन जगहों पर रखना बेहद असुरक्षित तरीका है क्योंकि इन दिनों अधिकांश ऑनलाइन ऐप किसी के संपर्क और टेक्स्ट संदेशों तक पहुंचने की अनुमति मांगते हैं। हालांकि कुछ ऐप में उच्च स्तर की सुरक्षा होती है और वे भरोसे के लायक हैं। लेकिन ज्यादातर ऐप के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है। भारत के साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने हाल ही में लोगों के पैसे चुराने के लिए हैकरों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 167 नकली आईओएस और ऐंड्रॉयड ऐप की पहचान की है।' लोकल सर्कल्स सर्वेक्षण के इन नतीजों को सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ साझा करेगी ताकि इनका इस्तेमाल व्यापक तौर पर जनता को जागरुक करने के लिए किया जा सके कि उन्हें अपने निजी और वित्तीय ब्योरे को कितने प्रभावी तरीके से सुरक्षित रखना है।
