भले ही तमाम शोध रिपोर्ट कह रही हों कि सूचीबद्ध रियलिटी फर्मों की रिहायशी बिक्री में तेजी लौट रही है लेकिन कुल शुद्ध बिक्री आंकड़ों में यह दिखाई नहीं देती है। जून 2021 तिमाही में इन फर्मों की कुल शुद्ध बिक्री मार्च 2019 की तिमाही के आंकड़ों से आधे ही हैं। पिछली 45 तिमाहियों में सर्वाधिक बिक्री के आंकड़े मार्च 2019 तिमाही में ही दर्ज किए गए थे। उस तिमाही में सूचीबद्ध रियलिटी फर्मों ने कुल 20,220 करोड़ रुपये की आवासीय इकाइयों की बिक्री की थी। वहीं बिजनेस स्टैंडर्ड रिसर्च ब्यूरो द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 11,107 करोड़ रुपये ही रहा है। जून 2021 की तिमाही के आंकड़ों में लोढ़ा समूह की कंपनी मैक्रोटेक भी शामिल है जो अप्रैल 2021 में ही सूचीबद्ध हुई थी। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से मैक्रोटेक दूसरा बड़ा डेवलपर है। जून तिमाही में मैक्रोटेक के राजस्व में 37 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई और वह 1,605.4 करोड़ रुपये पर आ गई। वहीं जनवरी-मार्च 2019 के बिक्री आंकड़ों में मैक्रोटेक शामिल नहीं थी। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में इन कंपनियों का मुनाफा वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही में दर्ज मुनाफे का 4.5 गुना कम रहा है। इस पर प्रॉपर्टी डेवलपर फर्म पूर्वांकर के प्रबंध निदेशक आशिष आर पूर्वांकर ने कहा, 'यदि हम मौजूदा आंकड़ों की तुलना 2017 से करेंगे तो हम वास्तविक तस्वीर नहीं देख पाएंगे। हमें तमाम परिस्थितिजन्य हालात को ध्यान में रखना होगा। वर्ष 2017 में रेरा कानून और जीएसटी के आने से रियल एस्टेट क्षेत्र में व्यापक बदलाव आए। वहीं 2021 में रियलिटी बाजार कोविड-19 के दुष्प्रभावों से जूझ रहा है और खरीदार भी सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।'इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के सहायक निदेशक अभिषेक शुक्ला कहते हैं कि जून 2021 तिमाही में राजस्व एवं मुनाफे दोनों का काफी कम रहना यह दर्शाता है कि महामारी के दौरान लगी बंदिशों के कारण निर्माण की गति सुस्त रही है और परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाई हैं। शुक्ला कहते हैं, 'दूसरी तरफ तेजी की बात करने वाले सलाहकार फ्लैटों की नई बुकिंग की बात कर रहे हैं। लेकिन बुकिंग होने भर से राजस्व नहीं आ जाता है। वह तो परियोजना पूरी होने पर ही मिलेगा।' रियलिटी एस्टेट उद्योग के स्तर पर देखें तो इस कैलेंडर साल की दूसरी तिमाही में देश के सात बड़े शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री 93 फीसदी बढ़ी है। इस वृद्धि का कारण कैलेंडर साल 2020 की दूसरी तिमाही का निम्न आधार है जब पूरे देश में कोविड महामारी की पहली लहर में बेहद सख्त लॉकडाउन लागू था। इसके अलावा अप्रैल से जून 2021 में बिक्री बढऩे का एक कारण डेवलपरों द्वारा तकनीक की मदद से अपने उत्पादों का किया गया प्रोत्साहन भी था।रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही की तुलना में जून 2021 तिमाही में फ्लैटों की बिक्री 64 फीसदी तक कम रही है। और कैलेंडर साल 2021 की पहली तिमाही की तुलना में यह गिरावट 58 फीसदी की है। रेटिंग फर्म इक्रा के सहायक उपाध्यक्ष कपिल बंगा के मुताबिक वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही से आवासीय क्षेत्र में बिक्री एवं राजस्व संग्रह बढ़ा है। गोदरेज प्रॉपर्टीज के चेयरमैन पिरोजशा गोदरेज कहते हैं कि रियल एस्टेट कंपनियों का तिमाही बिक्री से आशय बुकिंग से होता है न कि प्राप्त राजस्व से। नाइट फ्रैंक की मानें तो आठ प्रमुख रियलिटी बाजारों में बिना बिके फ्लैटों की गिनती साल की पहली छमाही में एक फीसदी गिरकर 4,46,787 पर आ गई। बिना बिके फ्लैटों की उम्र भी बढ़कर 16.4 तिमाही हो चुकी है जबकि एक साल पहले यह 15.4 तिमाही थी। रियल एस्टेट कंपनियों को नए अकाउंटिंग मानकों की वजह से परियोजना पूरी होते ही राजस्व एवं लाभ दोनों के बारे में पता चल जाता है। नए अकाउंटिंग मानक 2017-18 में लागू हुए थे लेकिन रियलिटी फर्मों ने इसे अलग-अलग समय पर लागू किया है।
