कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि कि भारत के कपड़ा निर्यात को बढ़ाकर मौजूदा 33 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 अरब डॉलर किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक 44 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य पर पहुंचने के लिए सरकार और उद्योग को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कपड़ा निर्यातकों के साथ बैठक के दौरान कहा, 'इस साल के लिए मैंने 44 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है। मुझे विश्वास है कि 100 अरब डॉलर से कम किसी निर्यात से आप कोई भी संतुष्ट होगा और निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इससे कम किसी लक्ष्य पर संतुष्ट नहीं होगी।'गोयल ने कहा कि कपड़ा मंत्रालय वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर नजदीकी के साथ काम कर रहा है, जिससे निवेशकों के प्रोत्साहन के लंबित बकाये का समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा उद्योगोंं की सभी जरूरतों पर विचार करने को तैयार है, लेकिन उद्योगों को सब्सिडी और प्रोत्साहनों पर निर्भर नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी कपड़ों तथा मानव निर्मित फाइबर खंड में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंत्रिमंडल जल्द मंजूरी देगा। इस कदम से घरेलू विनिर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि प्रस्तावित वृहद निवेश कपड़ा पार्क योजना मंजूरी के चरण में है। इसके तहत देश में ऐसे 7 पार्क स्थापित किए जाएंगे। योजना की घोषणा वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में की गई थी। उन्होंने कहा, 'कपड़ा क्षेत्र जिस तरह से बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने का विचार लेकर आगे बढ़ रहा है, उससे खुशी हुई है। हमें अगले 5 साल में 100 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य लेकर आगे बढऩा चाहिए।' मंत्री ने कहा कि निर्यात को अपने पैरों पर खड़ा होना है और स्वतंत्र रूप से व्यवहारिक बनना चाहिए, क्योंकि सब्सिडी की मांग हमेशा मददगार नहीं होती। मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के बारे में गोयल ने कहा कि भारत एफटीए या तरजीही व्यापार समझौतों (पीटीए) को लेकर विभिन्न देशों से बातचीत कर रहा है।
