सरकार ने अपने प्रमुख निर्यात साझेदारों के साथ समझौते करने के रुख की घोषणा कर दी है, वहीं उद्योग जगत के हिस्सेदारों का कहना है कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ब्रिटेन (यूके) के साथ प्रस्तावित सौदे को लेकर सरकार से उनकी बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है। बहरहाल यूरोपीय संघ (ईयू) और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के मामले में उद्योग के साथ चर्चा शुरुआती स्तर पर है और घरेलू उद्यमी दोनों देशों के मुख्य वार्ताकारों की बैठक और चर्चा के बाद होने वाली पेशकश को लेकर ज्यादा स्पष्टता चाहते हैं। उद्योग के एक अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, 'उद्योग से परामर्श न सिर्फ वाणिज्य विभाग के साथ चल रहा है, बल्कि अन्य मंत्रालय भी उद्योग से संपर्क कर रहे हैं और खासकर ब्रिटेन में वस्तुओं को लेकर चर्चा हो रही है। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले महीनों में कुछ प्रगति होगी।' दरअसल भारत और ब्रिटेन के बीच समझौते के पहले की बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है। भारत को उम्मीद है कि ब्रिटेन के साथ एफटीए वार्ता तेज होगी और दिसंबर के अंत तक कुछ परिणाम आ जाएगा। गुरुवार को भारत और ब्रिटेन ने एक संयुक्त बयान मे आगामी एफटीए वार्ताओं को लेकर सहमति जताई थी। जहां तक यूएई का प्रश्न है, भारत ने दिसंबर तक समग्र व्यापार सौदे को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है। स्टील, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग उत्पाद, रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों के प्रतिनिधि सरकार के साथ मिल रहे हैं और यूएई से जुड़ एफटीए संबंधी मसलों पर परामर्श कर रहे हैं। पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने कहा था कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दिसंबर के मध्य तक जल्द परिणाम देने वाले समझौते या मिनी ट्रेडडील को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार अगले 10 दिन में उद्योग के साथ परामर्श शुरू करेगी। इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, 'दोनों देशों के बीच बातचीत भी जल्द ही शुरू होगी।' उन्होंने कहा कि निवेश समझौते को इस समझौते से बाहर रखा जाएगा, जिसका मुख्य ध्यान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार गहरा करने पर है। मई में भारत और ईयू संतुलित और समग्र मुक्त व्यापार और निवेश समझौते पर बातचीत बहाल करने पर सहमत हुए थे। बहरहाल यह माना जा रहा है कि इस पर कोई ज्यादा प्रगति नहीं हुई क्योंकि ईयू ने अब तक भारत के साथ बातचीत के पहले की चर्चा के लिए मुख्य वार्ताकार की नियुक्ति नहीं की है। क्लोथिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएमएआई) के मुख्य संरक्षक और पूर्व अध्यक्ष राहुल मेहता ने कहा कि विभिन्न हिस्सेदारों के साथ बातचीत के लिए बैठक बुलाई जानी है। मेहता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि ईयू के साथ कोई भी सौदा थोड़ा जटिल होगा क्योंकि हर देश की अपनी जरूरत है। भारतका ब्रिटेन के साथ एफटीए ज्यादा तेजी से हो सकता है क्योंकि ब्रिटेन भी रुचि ले रहा है। ऑस्ट्रेलिया के साथ भी जल्द बातचीत शुरू होगी।
