ई-कॉमर्स रिटेलर स्नैपडील आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 35 से 40 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। मामले के जानकार सूत्रों ने कहा कि कंपनी 2 से 2.5 अरब डॉलर मूल्यांकन की संभावना तलाश रही है। स्नैपडील में सॉफ्टबैंक बड़ी निवेशक है। कंपनी चाहती है कि छोटे-मझोले शहरों में ई-कॉमर्स कंपनी के विस्तार में खुदरा निवेशकों को भी भागीदार बनने का अवसर देना चाहिए। घटनाक्रम के जानकार सूत्रों ने कहा कि जेएम फाइनैंशियल, ऐक्सिस बैंक और बैंक ऑफ अमेरिका को आईपीओ के लिए बतौर बैंकर नियुक्त किया गया है। इस बारे में पक्ष जानने के लिए स्नैपडील, ऐक्सिस बैंक और जेएम फाइनैंशियल को ईमेल भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। अगर कंपनी आईपीओ लाने की योजना बनाती है तो यह भी नई पीढ़ी की उन उभरती कंपनियों में शामिल हो जाएगी, जो सूचीबद्घ हुई हैं। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में 12 कंपनियों ने सूचीबद्घता के जरिये 27,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। स्पैनडील ने खुद को वैल्यू ई-कॉमर्स क्षेत्र की कंपनी के तौर पर स्थापित किया है। स्नैपडील को पहले फ्लिपकार्ट के हाथों बेचने की बात चल रही थी लेकिन सौदा नहीं हो पाया। इसके बाद कंपनी के सह-संस्थापकों कुणाल बहल और रोहित बंसल ने 2017 में स्नैपडील 2.0 योजना पेश की थी।कियर्नी की रिपोर्ट के अनुसार भारत में वैल्यू ई-कॉमर्स सेगमेंट का कारोबार 2019 में 4 अरब डॉलर था, जो बढ़कर 2026 में 20 अरब डॉलर और 2030 में 40 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। उसके अनुसार वैल्यू ई-कॉमर्स ग्राहक वे हैं, जो अपनी जरूरतों के हिसाब से गुणवत्तापूर्ण, टिकाऊ और किफायती उत्पाद चाहते हैं। हाल में स्नैपडील पर बच्चों के परिधानों की अच्छी बिक्री देखी गई। जनवरी से जुलाई 2021 के दौरान स्नैपडील पर इस उत्पाद की बिक्री में 493 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसमें 400 से 600 रुपये कीमत वाले कॉम्बो पैक की ज्यादा मांग रही। इसके बाद 200 से 400 रुपये की कीमत वाले उत्पादों की अच्छी बिक्री देखी गई। लाइफस्टाइल रिटेल के तहत वैल्यू ई-कॉमर्स में सबसे ज्यादा वृद्घि की संभावना है और अगले 10 साल में यह सेगमेंट 19 गुना बढ़ सकता है। किफायती उत्पादों की ऑनलाइन उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्नैपडील ने पिछले साल 5,000 से ज्यादा विनिर्माताओं और विक्रेताओं को अपने प्लेटफॉर्म पर जोड़ा है। इनमें से अधिकांश विनिर्माता-विक्रेता मेरठ, लुधियाना, तिरुपुर, जयपुर, पानीपत, सूरत और राजकोट जैसे शहरों के हैं। इनमें उत्पादों में जूसर एवं फूड प्रोसेसर, स्टील और तांबे के बर्तन, क्रॉकरी, चादरें, फैशन एक्सेसरीज, बच्चों के कपड़े, साड़ी-सूट आदि शामिल हैं।
