केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के भूखंड बेचने की योजना बना रही है। 600 करोड़ रुपये से अधिक के भूखंड की बिक्री नए ऑनलाइन नीलामी मंच के जरिये की जाएगी। भूखंडों की बिक्री निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) द्वारा की जाएगी और यह नीति आयोग द्वारा बुनियादी संपत्तियों के मुद्रीकरण पाइपलाइन की तरह ही होगी। दीपम जल्द ही बीएसएनएल, एमटीएनएल, बीईएमएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया तथा अन्य पीएसयू के बेकार पड़े भूखंडों को बेचने के लिए अंतिम मंजूरी लेगा। शुरुआती चरण में 600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के भूखंडों की बिक्री की जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएसटीसी द्वारा विकसित ई-नीलामी प्लेटफॉर्म के जरिये संपत्तियों की यह पहली बिक्री होगी।एक अधिकारी ने बताया कि जिन भूखंडों की बिक्री की जाएगी, वे किसी तरह के विवाद से जुड़ी नहीं होगी। ऐसे भूखंडों की सूची दीपम द्वारा नियुक्त सलाहकार के साथ परामर्श करके तैयार की गई है। पोर्टल के जरिये नीलामी में आगे चलकर और भी संपत्तियां जोड़ी जा सकती हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बेकार पड़े भूखंड बेचने की योजना सरकार द्वारा उनका मूल्यांकन करने की कवायद का हिस्सा है। यह राष्टï्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की तरह ही होगा, जिसके तहत सरकार ने दीपम को गैर-मुख्य संपत्तियों को मुद्रीकरण करने के लिए कहा है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि पाइपलाइन में उन बड़े सार्वजनिक उपक्रमों के भूखंड भी शामिल होंगे, जिनके निजीकरण करने की योजना बनाई गई है। असल में विनिवेश से पहले संबंधित कंपनियों की गैर-मुख्य संपत्तियों को अलग किया जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार नए ई-नीलामी प्लेटफॉर्म के जरिये 10,000 करोड़ रुपये मूल्य के भूखंड बेचने की संभावना तलाश रही है। इन संपत्तियों की सूची दीपम ने सीबीआरई साउथ एशिया, डेलॉयट टच तोमात्सु इंडिया, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, जेएलएल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स (इंडिया), नाइट फ्रैंक इंडिया आदि के साथ बातचीत के आधार पर तैयार की है। सलाहकारों ने संपत्तियों की बिक्री के लिए आशय पत्र (आरएफपी) और दस्तावेज भी तैयार किए हैं।उक्त अधिकारी ने कहा कि पहली खेप में बेचे जाने वाले भूखंडों का सलाहकार समिति द्वारा मूल्यांकन भी किया गया है। बोली के लिए आरक्षित मूल्य भी तय किया जाएगा। बोली प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए संभावित खरीदारों को ई-नीलामी प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराना होगा। प्लेटफॉर्म की तैयारी की जांच के लिए दीपम इसे परख चुका है। पहले चरण में ऐसी संपत्तियों की ब्रिकी की जाएगी जिसे लेकर कोई विवाद न हो।
