कर्ज के बोझ में फंसी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज (वीआईएल) को ऋण देने वाले वित्तीय संस्थानों को कर्जदार कंपनी के पूर्व प्रवर्तक धूत परिवार एवं वरिष्ठ अधिकारियों की संपत्तियां जब्त करने के नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के आदेश के बाद से बड़े घाटे की आशंका सता रही है। एनसीएलटी के मुंबई पीठ ने बुधवार को वीडियोकॉन के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत के खिलाफ दायर निजी दिवालिया याचिका को स्वीकार कर लिया है। ऋणदाता बैंकों ने यह याचिका करीब साल भर पहले दाखिल की थी। बैंकरों का कहना है कि वीडियोकॉन मामले में नए मुकदमे की सुनवाई शुरू होने से उसकी परिसंपत्तियां खरीदने की वेदांत समूह की योजना खटाई में पड़ सकती है। कर्जदाताओं ने वीआईएल की घरेलू परिसंपत्तियां वेदांत समूह की होल्डिंग कंपनी ट्विन स्टार होल्डिंग को 3,000 करोड़ रुपये में बेचने पर सहमति जताई थी। इसके अलावा वीडियोकॉन की विदेश में स्थित 15,000 करोड़ रुपये मूल्य की तेल एवं गैस परिसंपत्तियों को बेचने के लिए अलग से बोलियां भी मंगाई थीं।कर्जदाताओं ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज पर करीब 62,000 करोड़ रुपये की देनदारी होने का दावा किया है जिसमें उसकी तेल एवं गैस कंपनी भी शामिल है। दिवालिया प्रक्रिया जारी रहेगी लेकिन इस मामले में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीली पंचाट (एनसीएलएटी) में अपील होने पर फैसले में देरी हो सकती है। मामले से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, एनलीएलटी के आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील होने की संभावना है। एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा था कि जिस अंदाज में वित्तीय संस्थानों ने एक डूबती हुई कंपनी को कर्ज बांटे, वह आश्चर्य में डालता है। पंचाट ने अपनी टिप्पणी में कहा था, 'यह निश्चित रूप से आम आदमी के मन में संदेह पैदा करता है।'
