कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की मार थमने के बाद विभिन्न राज्य सरक ारों ने चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोलना शुरू कर दिया है। राष्टï्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुले हैं। स्कूल कर्मचारी कोविड-19 से सुरक्षा के सभी उपाय कर रहे हैं और छात्रों को सभी सावधानियां बरतने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। शहर में सेक्टर 46 में एमिटी इंटरनैशनल स्कूल के एक कर्मचारी ने कहा, 'यह देख कर खुशी हो रही है कि कुछ छात्र स्कूल आए हैं। हमें उम्मीद है कि दूसरे छात्र भी धीरे-धीरे स्कूल आना शुरू कर देंगे।' यह स्कूल में फिलहाल 10वीं और 12वीं कक्षाएं संचालित कर रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण देश के छात्रों के सामने ऑनलाइन पढ़ाई करने के अलावा दूसरा कोई जरिया नहीं रह गया था। 1 सितंबर से हरियाणा सरकार ने चौथी और पांचवीं कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की थी। इससे पहले राज्य सरकार ने कक्षा 6 एवं इससे ऊपर की कक्षाओं में 16 जुलाई से पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया था। हालांकि बुधवार को गुरुग्राम में कई स्कूल जरूर खुले लेकिन दसवीं से नीचे किसी कक्षा में छात्र नहीं दिखे। शहर में लगभग 40 प्रतिशत स्कूल खुल चुके हैं लेकिन 10वीं कक्षा से नीचे सभी कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति नदारद रही। दसवीं और इससे ऊपर की कक्षाओं में भी उपस्थिति 20 प्रतिशत से कम ही रही। शहर के कुछ ही स्कूलों में कक्षा 6 से लेकर 9वीं तक की कक्षाओं में पढ़ाई शुरू हुई है। कुछ निजी स्कूल सरकार से ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने के लिए अनुमति मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं मगर अभिभावक एवं छात्रों को लगता है कि फिलहाल ऑनलाइन कक्षाओं का अधिक चलन रहेगा। जो स्कूल खुले हैं उनमें सुबह 9 से 12 और दोपहर में 1 से 4 बजे के बीच पालियों में कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। अभी कुछ ही स्कूल बस सुविधाएं दे रहे हैं। गुरुग्राम के कम से कम तीन स्कूलों ने कहा कि निजी क्षेत्र में काम करने वाले कई अभिभावक अपने शहर चले गए हैं जहां से वे काम कर रहे हैं। इन स्कूलों के अनुसार ऑनलाइन कक्षाएं अब भी आयोजित हो रही हैं इसलिए कई अभिभावकों ने फिलहाल अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का निर्णय लिया है। शहर में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले संदीप कुमार जैसे कई अभिभावक मौजूदा परिस्थितियों में स्कूल दोबारा खोलने के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं। तमिलनाडु में स्कूल खुलने से छात्र उत्साहित चेन्नई के मामबलम क्षेत्र के एसआरएम नाइटएंगिल मैट्रिकुलेशन हायर सेकंडरी स्कूल में 11वीं कक्षा में पढऩे वाले छात्र नारायण वीरसिम्हन की खुशी का ठिकाना नहीं है। वह कहते हैं, 'पिछले कई महीनों से घर में पड़े रहने और ऑनलाइन पढ़ाई से मन उब गया था। अब स्कूल खुलने से मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है।' वीरसिम्हन ने कहा कि स्कूल में होने वाली पढ़ाई और सहपाठियों के साथ सीखने का मजा ही कुछ और है। तमिलनाडु सरकार ने कोविड महामारी की दूसरी लहर से पहले 9वीं से 12वीं कक्षाओं में पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया था मगर 22 मार्च को सभी स्कूल दोबारा बंद कर दिए गए। बुधवार को दिल्ली, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्य प्रदेश और लद्दाख में भी 9वीं से लेकर 12वीं तक कक्षाएं खुल गईं। मोटे तौर पर छात्र स्कूल खुलने से खुश दिखाई दे रहे हैं। एसआरएम स्कूल के प्राचार्य टी अमलराज कहते हैं, 'छात्र घरों में पढ़ाई करते-करते उब गए थे और वे स्कूल आने के लिए आतुर थे। कक्षाओं में करीब 63 प्रतिशत तक उपस्थिति दिख रही है। फिलहाल जो छात्र अपने साथ अपने माता-पिता से लिखित अनुमति ला रहे हैं उन्हें ही कक्षाओं में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है।' एक अन्य स्कूल चेट्टïीनाड विद्याश्रम में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों तरीके से पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। इस बीच, दूसरे स्कूल जैसे एएलएम मैट्रिकुलेशन एसएस और सेक्रेड हार्ट मैट्रिकुलेशन एच एस स्कूल में भी पहले दिन करीब 50 प्रतिशत उपस्थिति देखी गई। इन स्कूलों को उम्मीद है कि आने वाले समय में अधिक संख्या में छात्र आना शुरू कर देंगे। तमिलनाडु सरकार पहली से आठवीं कक्षाओं में पढ़ाई शुरू करने के बारे में 15 सितंबर के बाद निर्णय लेगी। अहमदाबाद में बोर्ड परीक्षा वाले छात्रों की बढ़ी उपस्थिति गुजरात में 26 जुलाई से ही 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए स्कूल खोले गए हैं। बोर्ड परीक्षा के दबाव के चलते 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की उपस्थिति ज्यादा है। साकार इंग्लिश स्कूल की 10वीं कक्षा की छात्रा पूजा खूबचंदानी कहती हैं, 'हम अपने सहपाठियों के अभिभावकों को उन्हें स्कूल आने देने की अनुमति देने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऑनलाइन कक्षाओं की तुलना में स्कूल में सीखने-पढऩे का माहौल अच्छा होता है।' पूजा अपने सेक्शन के कुल 50 छात्रों में से उन चार छात्रों में शामिल हैं जो स्कूल आ रहे हैं। निश्चित तौर पर ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं में पढ़ाना और छात्रों से प्रतिक्रिया पाना दोगुनी मेहनत है। हालांकि रसायन विज्ञान के शिक्षक अंगदजीत सिंह सूरी इस दोगुनी मेहनत से बचने के लिए डिजिटल बोर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसकी वजह से उनके लैपटॉप स्क्रीन के नोट्स कक्षा में मौजूद छात्रों के साथ-साथ जूम रूम में मौजूद छात्रों को भी नजर आता है।साकार इंग्लिश स्कूल की प्रधानाचार्या स्मिता दास कहती हैं, 'शिक्षकों के लिए यह काफी मुश्किल है लेकिन वे ऐसी चुनौतियों का बखूबी सामना कर रहे हैं। हम यह चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा छात्र कक्षाओं में आए लेकिन अभिभावकों की आशंका और टीकाकरण की कमी सबसे बड़ी चिंंता है। हमने कक्षाओं की संख्या घटाकर 45 मिनट-45 मिनट की चार कक्षाएं रखी हैं क्योंकि ऑनलाइन कक्षाओं की वजह से शिक्षकों को अतिरिक्त अकादमिक और प्रशासनिक काम करना पड़ता है।' दास कहती हैं कि राज्य सरकार ने छठी और 8वीं कक्षाओं को भी खोलने की घोषणा की है ऐसे में इन कक्षाओं के छात्र स्कूल आने की ज्यादा इच्छा जता रहे हैं। ग्लोबल इंडियन इंटरनैशनल स्कूल के प्रधानाचार्य सीजर डिसिल्वा को कक्षा 6 से 8 के छात्रों और उनके अभिभावकों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और हाल में हुई पंजीकरण प्रक्रिया में कुल 509 छात्रों में से 50 ने पहले से अपनी उपस्थिति की पुष्टि कर दी है।
