दोपहिया वाहन विनिर्माताओं के बीच आगामी त्योहारी सीजन को लेकर कोई खास उत्साह नहीं दिख रहा है। पिछले दो वर्षों के दौरान कमजोर मांग और बढ़ती लागत से जूझ रहे इस उद्योग को फिलहाल कोई फौरी राहत मिलती नहीं दिख रही है। यह श्रेणी वैश्विक महामारी के झटके से अब भी पूरी तरह नहीं उबर पाई है। शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने और सीमित आवाजाही के कारण दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया बाजार काफी प्रभावित हुआ है। परिणामस्वरूप हीरो मोटोकॉर्प, होंडा मोटरसाइकल ऐंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई), टीवीएस मोटर और बजाज ऑटो जैसी प्रमुख दोपहिया विनिर्माताओं के बिक्री चैनल में इन्वेंट्री का स्तर औसतन 40 से 45 दिन से बढ़कर 75 दिनों का हो गया है।नवरात्रि, दशहरा और दिवाली से पहले बिनबिके वाहनों का स्टॉक अधिक होने का मतलब साफ है कि विनिर्माताओं के लिए पीक सीजन होने के बावजूद वाहनों की आपूर्ति करने की गुंजाइश काफी कम है। आमतौर पर अधिकतर विनिर्माता त्योहारी सीजन से एक या दो सप्ताह पहले स्टॉक भरना शुरू कर देते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि जुलाई और अगस्त में स्टॉक के स्तर से बाजार में दबाव का पता चलता है। इस साल नवरात्रि 7 अक्टूबर को है। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान दोपहिया वाहनों की बिक्री 25 लाख से बढ़कर 36 लाख हो गई। ऐसा कमजोर आधार वर्ष के साथ दिखा। दोपहिया वाहनों की 10 वर्षीय वार्षिक चक्रवृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 में घटकर 6.4 फीसदी हो गई जो वित्त वर्ष 2009-10 में 9.8 फीसदी थी।दोपहिया बाजार की अग्रणी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के स्टॉक का औसत स्तर 40-45 दिनों से बढ़कर 75 दिनों का हो गया है। डीलरों का कहना है कि कुछ के लिए यह आंकड़ा अधिक भी हो सकता है। एक डीलर ने कहा, 'स्टॉक का स्तर बढऩे से हम परेशान हो रहे हैं। आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए हमारी चिंता बढ़ रही है।' नवरात्रि से लेकर दीवाली तक की 30 से 32 दिनों की अवधि में दोपहिया कंपनियों की करीब एक तिहाई सालाना बिक्री होती है। हीरो मोटोकॉर्प के प्रवक्ता ने कहा, 'हीरो मोटोकॉर्प में हम काफी अच्छे त्योहारी सीजन के लिए तैयार हो रहे हैं। हमें बाजार में मांग को लेकर कोई चिंता नहीं दिख रही है। त्योहारी अवधि से पहले आमतौर पर बिक्री की रफ्तार सुस्त पड़ जाती है।' उन्होंने कहा कि ग्राहक अपनी खरीद योजना को त्योहारी सीजन के लिए टाल रहे हैं जिससे बिक्री में कमी दिखती है। ऐसे में इन्वेंट्री का स्तर बढऩा स्वाभाविक है। इससे त्योहारी सीजन में अचानक पैदा होने वाली मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी जब मांग करीब तीन गुना बढ़ जाती है।तमाम नियमों के कारण कीमतों में भारी उछाल आने से बिक्री प्रभावित होती है। पिछले दो वर्षों के दौरान मोटरसाइकल और स्कूटर की कीमत में करीब 25 फीसदी की वृद्धि हुई है। एचएमएसआई के वरिष्ठï अधिकारी खबर लिखे जाने तक उपलब्ध नहीं हो सके। बजाज और टीवीएस भी संघर्ष कर रही हैं। डीलर सूत्रों ने बताया कि इन दोनों कंपनियों के बिक्री चैनल में इन्वेंट्री का स्तर 60 दिनों तक पहुंच चुका है जो सामान्य तौर पर 40 से 45 दिनों का होता है। टीवीएस के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, 'हालांकि मांग में सुस्ती बरकरार है लेकिन हमारी इन्वेंट्री का स्तर उपयुक्त है।' बजाज ऑटो के एक वरिष्ठï अधिकारी ने टिप्पणी करने से इनकार किया।
