शेयर बाजार में उछाल के साथ कई सूचीबद्घ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में खासा इजाफा हुआ है। देश में इस साल 1 लाख करोड़ रुपये या अधिक बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) वाली कंपनियों की संख्या 28 से बढ़कर 47 हो गई है। 2021 में 1 लाख करोड़ रुपये एम-कैप वाली जमात में शामिल होने वाली कंपनियों में अदाणी एंटरप्राइजेज, बीपीसीएल, डाबर, गोदरेज कंज्यूमर और जेएसडब्ल्यू प्रमुख हैं। लाख करोड़ रुपये के क्लब में पिछले साल वाली सभी कंपनियां भी बनी हुई हैं। बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि बाजार में लगातार तेजी की वजह से लाख करोड़ रुपये के क्लब का विस्तार होना स्वाभाविक है। उच्च आवृत्ति वाले संकेतकों में सुधार, घरेलू संस्थागत और खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढऩे और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा नरम मौद्रिक नीतियों से घरेलू आर्थिक परिदृश्य को लेकर नए सिरे से सकारात्मकता आई है। 1 लाख करोड़ रुपये एम-कैप क्लब में सार्वजनिक उपक्रमों की भागीदारी और बढ़ी है। इस जमात में एनटीपीसी और बीपीसीएल ने फिर से अपनी जगह बनाई है तथा पावरग्रिड कॉर्पोरेशन भी इसमें शामिल हुई है। इस साल अब तक बीएसई पीएसयू सूचकांक 30.6 फीसदी बढ़ा है जबकि सेंसेक्स में 17.5 फीसदी उछाल आई है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और ओएनजीसी दो अन्य पीएसयू हैं, जो पहले से ही 1 लाख करोड़ रुपये बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों की जमात में शामिल है। इनके बाजार पूंजीकरण में भी खासा इजाफा हुआ है। एसबीआई का एम-कैप इस दौरान 49 फीसदी और ओएनजीसी का एम-कैप 25 फीसदी बढ़ा है।विश्लेषकों ने कहा कि लाख करोड़ रुपये के क्लब में पीएसयू दिग्गजों ने इसलिए अपनी जगह बनाई है क्योंकि निवेशक कम दाम वाले अच्छे शेयरों पर दांव लगाने की संभावना देख रहे हैं। इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा कि पीएसयू क्षेत्र में कम भाव पर खरीदारी हो रही है। हालांकि कुछ का कहना है कि विनिवेश के कारण इन शेयरों में तेजी आई है। स्वतंत्र विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, 'पिछले चार साल में विनिवेश मुख्य रूप से एफपीओ के जरिये हुआ और इसकी वजह से शेयर भाव पर कुछ दबाव देखा गया। अब विनिवेश की बात चल रही है जो पीएसयू की बेहतर कीमत आंकने वाले रणनीतिक निवेशकों के पक्ष में है।' अदाणी समूह की सबसे ज्यादा कंपनियां लाख करोड़ रुपये बाजार पूंजीकरण वाले क्लब में शामिल हैं। इसके बाद टाटा समूह की कंपनियों की हिस्सेदारी है। अदाणी समूह की पांच कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और टाटा समूह की चार कंपनियां इस क्लब में शामिल हैं।टीसीएस, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और विप्रो के एम-कैप में भी खासा इजाफा हुआ है। इस दौरान टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 2.8 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है, वहीं इन्फोसिस का 2 लाख करोड़ रुपये, रिलायंस का 1.7 लाख करोड़ रुपये और विप्रो का एम-कैप 1.2 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है।चोकालिंगम ने कहा, 'कोविड तकनीकी कारोबार के लिए अच्छा रहा। आईटी कंपनियों ने यात्रा और कर्मचारियों की लागत में खासी बचत की है और उनकी ऑर्डर बुक भी ठीक-ठाक रही है। एसऐंडपी सूचकांक में आईटी कंपनियों का भारांश बढ़ा है। इसलिए देसी निवेशक भी आईटी कंपनियों को ज्यादा मूल्यांकन दे रहे हैं।'
