जिनोवा के स्वदेशी टीके को क्लिनिकल परीक्षणों की मंजूरी
सोहिनी दास / मुंबई August 24, 2021
कोविड-19 महामारी के प्रतिरोधी टीके के विकास में लगी स्वदेशी कंपनी जिनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स को उसके टीके एचजीसीओ19 के दूसरे एवं तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गई है। सूत्रों ने बताया कि औषिध नियामक डीसीजीआई ने जिनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स को कोविड टीके के क्लिनिकल परीक्षण करने की अनुमति दे दी है। अगर सब कुछ तय योजना के मुताबिक चलता रहा तो इस साल के अंत तक कंपनी अपना टीका बाजार में उतार देगी।
पुणे स्थित इस जैव-प्रौद्योगिकी कंपनी ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के समक्ष अपने टीके के पहले चरण के परीक्षणों के आंकड़े पेश किए थे। संगठन की टीका विषयक विशेषज्ञ समिति ने पहले चरण के अंतरिम आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद पाया कि एचजीसीओ-19 टीका सुरक्षित होने के साथ अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों के सहन-योग्य एवं प्रतिरक्षा पैदा करने वाला भी है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि दूसरे चरण के परीक्षण भारत के 10-15 स्थलों पर किए जाएंगे जबकि तीसरे चरण के परीक्षण 22-27 जगहों पर किए जाएंगे। जिनोवा की इस अध्ययन के लिए डीबीटी-आईसीएमआर परीक्षण नेटवर्क का इस्तेमाल करने की योजना है। एमआएनए श्रेणी के इस टीके में नॉवल कोरोनावायरस सार्स-कोव-2 के एंटीजन कोडिंग वाला एक छोटा एवं कृत्रिम संस्करण होगा। यह टीका लेने वाले व्यक्ति की कोशिकाओं के साथ क्रिया कर प्रतिरोधकता बढ़ाने का काम करेगा।
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