कोरोना टीके की दोनों खुराक ले चुके आम यात्रियों को 15 अगस्त से मुंबई लोकल ट्रेन में सफर करने की इजाजत मिलने के साथ ही बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। बिना टिकट यात्रा करने वालों पर नकेल कसने के लिए रेलवे ने गहन जांच अभियान शुरू किया है। लोकल में बेटिकट यात्रियों की संख्या बढऩे की वजह रेलवे के नए नियम हैं। फिलहाल लोकल में यात्रा करने के लिए सिंगल टिकट नहीं दिए जा रहे हैं, सिर्फ मासिक पास मिल रहे हैं। लोकल में बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे ने गहन जांच अभियान शुरू किया तो महज एक सप्ताह में 40 हजार से ज्यादा बिना टिकट यात्री पकड़े गए हैं जिनसे करीब डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूला गया है। बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी की प्रमुख वजह सिंगल टिकट पर पाबंदी और टीके की दोनों खुराक की अनिवार्यता को माना जा रहा है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कई ऐसे यात्री हैं जो महीने में एक दो बार ही यात्रा करते हैं, ऐसे में वह पास बनवाने के बजाय बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं। जिनको कोरोना की दोनों खुराक नहीं मिली है उनका पास नहीं बन सकता है, ऐसे में ये लोग बिना टिकट यात्रा करते हैं। बिना टिकट यात्रा करने वालों में ज्यादातर वे लोग हैं जिन्हें हर दिन दफ्तर या कामकाज के लिए जाना पड़ता है। मध्य रेलवे के अनुसार करीब 53 स्टेशनों पर चलाए जा रहे जांच अभियान के दौरान पिछले एक सप्ताह में करीब डेढ़ करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर बेटिकट यात्रियों से वसूले गए हैं। मध्य रेलवे में 15 से 22 अगस्त के बीच 53 स्टेशनों से करीब 40 हजार बेटिकट यात्री पकड़े गए जिनसे करीब 1.42 करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर वसूला गया है। पश्चिम रेलवे में 15 से 22 अगस्त के बीच कुल 4,622 बेटिकट यात्री पकड़े गए हैं जिनसे जुर्माने के तौर पर साढ़े 12 लाख रुपये वसूले गए हैं।
