आयशर ने सिद्घार्थ लाल को एमडी पद पर किया बहाल | बीएस संवाददाता / चेन्नई August 24, 2021 | | | | |
आयशर मोटर्स के निदेशक मंडल ने पारितोषिक पर विवाद को खत्म करते हुए सिद्घार्थ लाल को कंपनी के प्रबंध निदेशक पद पर फिर नियुक्त करने का निर्णय किया है। उनकी पुनर्नियुक्ति 1 मई, 2021 से प्रभावी है। कंपनी का बोर्ड इस निर्णय पर अब डाक मतपत्र के जरिये शेयरधारकों से अनुमति लेगा।
17 अगस्त को कंपनी की सालाना आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों ने सिद्घार्थ लाल को प्रबंध निदेशक पद पर फिर नियुक्त करने का प्रस्ताव खारिज कर दिया था। इसके साथ ही शेयरधारकों ने लाल के पारितोषिक भुगतान को भी खारिज कर दिया था।
मीडिया खबरों के अनुसार महामारी के दौरान कंपनी की आय और मुनाफा नरम रहा था, जिस कारण शेयरधारकों ने लाल के वेतन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए उनकी पुनर्नियुक्ति के विरोध में मत दिया था। एजीएम के नतीजों और वेतन-भत्ते के मसले पर आयशर के चेयरमैन एस शांडिल्य ने कहा था, 'प्रमुख प्रबंधकीय पदों पर वेतन वृद्घि की सिफारिश करने से पहले कंपनी की नियुक्ति और पारितोषिक समिति ने संस्थागत निवेशकों सहित विभिन्न शेयरधारकों की प्रतिक्रिया और सभी पहलुओं पर विचार किया था।'
आयशर ने कहा, 'प्रबंध निदेशक को पिछले वर्षों में भुगतान किए गए वास्तविक पारितोषित को देखते हुए निदेशक मंडल ने प्रबंध निदेशक पद के लिए संशोधित वेतन ढांचे को मंजूरी दी है, जो कंपनी अधिनियम की धारा 198 के अनुसार मुनाफे के 1.5 फीसदी अधिकतम तक सीमिति होगा।'
शांडिल्य ने कहा कि निवेशकों की मुख्य चिंता सिद्घार्थ लाल को दोबारा कंपनी के प्रबंध निदेशक पद पर नियुक्त करने या प्रस्तावित पारितोषिक के संबंध में नहीं थी बल्कि मुनाफे के 3 फीसदी तक पारितोषिक के भुगतान की अनुमति देने के प्रावधान में स्पष्टïता नहीं होने पर थी। उन्होंने कहा, 'पिछले चार वर्षों से हम 3 फीसदी की सीमा में ही रहे थे लेकिन वास्तव में इस राशि के एक हिस्से का ही भुगतान किया गया था। असल में पारितोषितक मुनाफे का केवल 1.04 फीसदी था।'
नियुक्ति और पारितोषिक समिति की चेयरपर्सन तथा स्वतंत्र निदेशक मानवी सिन्हा ने स्पष्टï किया कि वित्त वर्ष 2021 में प्रबंध निदेशक के लिए वेतन में वृद्घि संबंधित साल में कंपनी के सभी कर्मचारियों को दी गई 9.7 फीसदी की औसत वेतन वृद्घि के अनुरूप ही है।
वित्त वर्ष 2021 में कंपनी ने 267 कर्मचारियों को नियुक्त किया, जिनमें से 77 फीसदी को औसत वेतन से कम पर नियुक्त किया गया और 284 कर्मचारियों ने कंपनी छोड़ी, जिनमें से 66 फीसदी औसत से ज्यादा वतन पा रहे थे। ऐसे में वित्त वर्ष 2021 में कर्मचारियों के वेतन में 9.7 फीसदी की वृद्घि के बावजूद औसत वृद्घि महज 1 फीसदी रहेगी।
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