अवरोध के बाद भी बढ़े वाहन फर्मों के प्रवर्तकों के वेतन | अरिंदम मजूमदार / नई दिल्ली August 24, 2021 | | | | |
वाहन उद्योग के लिए मुश्किल भरा साल होने के बावजूद वाहन कंपनियों में अधिकारियों के तौर पर काम करने वाले प्रवर्तकों के वेतन में वित्त वर्ष 21 में खासी बढ़ोतरी हुई। प्रवर्तक अधिकारियों ने खासी रकम वेतन के तौर पर ली जबकि उनकी कंपनियों के कारोबार पर कोरोना महामारी का गहरा असर पड़ा था और इस वजह से अन्य कर्मचारियों के वेतन मेंं या तो कम बढ़ोतरी हुई या फिर उनके वेतन स्थिर रहे।
वित्त वर्ष 21 में वाहन कंपनियों ने कोविड महामारी के कारण काफी अवरोध का सामना किया। कोविड के कारण उनका उत्पादन प्रभावित हुआ और ग्राहकों की आवाजाही पर भी असर पड़ा। कारोबार बहाल होने के बावजूद बिक्री चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, जिसकी वजह नौकरियों का नुकसान और कच्चे माल की लागत मेंं बढ़ोतरी है।
पिछले हफ्ते आयशर मोटर्स के संस्थागत शेयरधारकों ने प्रबंध निदेशक के तौर पर सिद्धार्थ लाल की पुनर्नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया और उनके वेतन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के प्रस्ताव का भी विरोध किया। शेयरधारक लाल की वेतन बढ़ोतरी के प्रतिशत के खिलाफ थे क्योंंकि महामारी के कारण कंपनी के राजस्व व मुनाफे की रफ्तार पर असर पड़ा है। प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म इनगवर्न के प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, आदर्श रूप मे प्रवर्तकों को लाभांश के रूप मे मुआवजा लेना चाहिए, न कि नकद रूप में क्योंंकि इससे वे अन्य शेयरधारकों के साथ जोखिम व प्रतिफल साझा करने की स्थिति में होंगे।
दो अग्रणी प्रवर्तक अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के बीच वेतन का अंतर काफी ज्यादा बढ़ा है, जैसा कि औसत वेतन मेंं देखा गया है, जो संकेत देता है कि इन कंपनियोंं के कर्मचारियों के दिया जाने वाला वेतन या तो कम है या फिर वित्त वर्ष 21 में वित्त्त वर्ष 20 की तुलना में स्थिर रहा है।
औसत मुआवजे का मतलब यह है कि संगठन के आधे कर्मियों को कम वेतन मिलता है जबकि आधे कर्मी ज्यादा वेतन पा रहे हैं। हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक पवन मुंजाल इस सूची में सबसे ऊपर हैं। मुंजाल कंपनी के प्रवर्तक भी हैं और उनके वेतन पैकेज में वित्त वर्ष 21 में 2.77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और कुल वेतन 86.93 करोड़ रुपये हो गया, जो उन्हें भारतीय कंपनी जगत में सबसे ज्यादा वेतन पाने वालों में से एक बनाता है।
मुंजाल और हीरो के अन्य कर्मियों के औसतन वेतन का अंतर बढ़ा है क्योंंकि उनका वेतन औसत वेतन का 826 गुना है, जो वित्त वर्ष 20 में 752 गुना था। मुंजाल हालांकि कंपनी जगत में सबसे ज्यादा वेतन पाने वालों में से एक हैं, लेकिन उनकी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने कोरोना के कारण लाभ में गिरावट दर्ज की है। वित्त वर्ष 21 में कंपनी का कर पूर्व लाभ 14.72 फीसदी घटा।
प्रवर्तक सीईओ को न सिर्फ वेतन मिलता है बल्कि साल में उन्हें करोड़ों रुपये लाभांश के तौर पर भी मिलते हैं। मुंजाल फैमिली का ही उदाहरण देखें तो 34.76 फीसदी हिस्सेदारी होने के नाते उन्हें पिछले साल 700 करोड़ रुपये से ज्यादा लाभांश मिला।
इसी तरह बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज का वेतन पैकेज वित्त वर्ष 21 में बढ़ा। उनका वेतन पिछले साल 1.62 फीसदी बढ़कर 40.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 20 में 39.86 करोड़ रुपये रहा था। बजाज के पास कंपनी के 7,54,200 शेयर हैं, जिस पर उन्हें 10.55 करोड़ रुपये लाभांश मिला, जिसकी दर वित्त वर्ष 21 में 140 रुपये प्रति शेयर थी। फर्म के अन्य अधिकारी कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा व सीएफओ एस रॉय का वेतन भी क्रमश: 10.6 फीसदी व 26 फीसदी बढ़ा।
बजाज के औसत कर्मचारियों का वेतन वित्त वर्ष 21 में 1.36 फीसदी बढ़ा। लॉकडाउन के कारण कंपनी का लाभ 9.7 फीसदी घट गया, लेकिन कंपनी ने अप्रैल में वेतन में 10 फीसदी की कटौती की घोषणा के बावजूद वेतन कटौती न करने का फैसला लिया।
उधर, टीवीएस मोटर्स के वेणु श्रीनिवासन का वेतन वित्त वर्ष 21 में 2 फीसदी घटा, वहीं कर्मचारियों का औसत वेतन 2 फीसदी बढ़ा। टीवीएस समूह के 67 वर्षीय संरक्षक ने वित्त वर्ष 20 में भी स्वैच्छिक तौर पर वेतन कटौती लीथी और उनकावेतन 22 फीसदी घटा था।
प्रवर्तक संचालित कंपनी के उलट वाहन क्षेत्र में प्रबंधन की अगुआई वाली कंपनियां आला अधिकारियों के वेतन में बढ़ोतरी को लेकर ज्यादा सतर्क थीं। मारुति सुजूकी के प्रबंध निदेशक केनिची आयुकावा को वित्त वर्ष 20 के मुकाबले 10 फीसदी कम वेतन मिला। आयुकावा व मारुति के औसत कर्मी का औसत वेतन भी इस क्षेत्र की समकक्ष कंपनियों के मुकाबले बेहतर है और यह करीब 1:34 है।
साल 2019 में मारुति के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा था कि कंपनी को एमडी व सीईओ को बहुत ज्यादा वेतन देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा था कि एमडी का वेतन आम कर्मी का अधिकतम 15-20 गुना होना चाहिए।
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