वित्त मंत्रालय ने नए ई-फाइलिंग पोर्टल में लगातार गड़बड़ी की वजह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बताने के लिए इन्फोसिस के प्रमुख सलिल पारेख को सोमवार को बुलाया है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नया ई-फाइलिंग पोर्टल 21 अगस्त से ठप है। वित्त मंत्रालय के पास ई-फाइलिंग आयकर पोर्टल ठीक से काम नहीं करने को लेकर बड़ी तादाद में शिकायतें आ रही हैं। इस पोर्टल को करीब ढाई महीने पहले शुरू किया गया था। असल में नए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट इनकम टैक्स डॉट जीओवी डॉट इन को 7 जून को शुरू करने के पहले दिन से ही दिक्कतें बनी रही हैं। वित्त मंत्रालय ने रविवार को ट्वीट किया, 'वित्त मंत्रालय ने नया ई-फाइलिंग पोर्टल शुरू हुए ढाई महीने बीत जाने पर भी पोर्टल की दिक्कतें दूर नहीं होने की वजह माननीय वित्त मंत्री को बताने के लिए 23 अगस्त को इन्फोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को बुलाया है।'एक वरिष्ठ कर अधिकारी ने कहा कि इन गड़बडिय़ों की वजह से बुनियादी रिटर्न भी नहीं भरे जा पा रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी पोर्टल में गड़बड़ी को लेकर सीतारमण से जानकारी मांगी है। वित्त मंत्री के नए पोर्टल के बारे में कर अधिकारियों की प्रतिक्रिया जानने के लिए नई दिल्ली में उनसे मिलने के आसार हैं। अधिकारी ने कहा, 'इस समय पूरी आकलन प्रक्रिया रुकी हुई है, इसलिए आयकर मामलों को दोबारा खोलने की समयसीमा को सितंबर से आगे बढ़ाना पड़ेगा।'इन्फोसिस ने 7 जून को शुरुआत से पहले परीक्षण किए थे, लेकिन उपयोगकर्ताओं को पोर्टल इस्तेमाल करने में तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसा दूसरी बार हो रहा है, जब इस आईटी कंपनी का शीर्ष प्रबंधन इस मुद्दे को लेकर वित्त मंत्रालय में हाजिर होगा। पिछली बैठक 21 जून को हुई थी। उस समय इन्फोसिस ने वित्त मंत्रालय को समयबद्ध तरीके से सभी दिक्कतें दूर करने का भरोसा दिया था। खुद सीतारमण ने जून में कहा था, 'काश ये दिक्कतें नहीं आतीं। लेकिन हम दिक्कतें दूर कर रहे हैं और जल्द ही पोर्टल की योजना बनाई जाएगी।'इन्फोसिस को 2019 में एक ठेका दिया गया था। इसके तहत अगली पीढ़ी का आयकर फाइलिंग सिस्टम विकसित किया जाना था ताकि रिटर्न की अवधि 63 दिन से घटाकर एक दिन करने और रिफंड में तेजी लाने की खातिर प्रोसेसिंग की अवधि घटाई जा सके। सरकार इस पोर्टल को विकसित करने के लिए जनवरी 2019 से जून 2021 के बीच इन्फोसिस को 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। एएमआरजी एसोसिएट्स में वरिष्ठ पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि आयकर पोर्टल नहीं चल रहा है। मोहन ने कहा, 'करदाताओं और कर पेशेवरों को आसान काम करने में ही दिक्कतें आ रही हैं, जिनमें रिटर्न भरना, सुधार करना और टैक्स क्रेडिट ऑनलाइन चेक करना शामिल हैं। इसके अलावा सरकार पर राजस्व लक्ष्य हासिल करने का अत्यधिक दबाव है। आयकर पोर्टल काम नहीं करने से न केवल कर अनुपालन बल्कि कर संग्रह में भी देरी हो रही है।'
